प्रमुख क्षेत्र की वृद्घि दर18 महीने के निचले स्तर पर | शुभायन चक्रवर्ती / नई दिल्ली January 31, 2019 | | | | |
अर्थव्यवस्था के आठ प्रमुख क्षेत्रों की वृद्घि दर में गिरावट जारी है और दिसंबर में यह 2.6 फीसदी के साथ 18 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई जबकि नवंबर में यह 3.4 फीसदी थी। अक्टूबर में 4.8 फीसदी के साथ वृद्घि दर तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद वृद्घि दर में यह फिसलन बिजली और उर्वरक क्षेत्र के कमजोर पडऩे और रिफाइनरी उत्पादों के नकारात्मक प्रदर्शन से आई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि आठ प्रमुख क्षेत्रों - कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली ने मौजूदा वित्त वर्ष के पहले आठ से नौ महीने (अ्रपैल-नवंबर) ने संचयी तौर पर 4.8 फीसदी की वृद्घि दर दर्ज की जो कि वित्त वर्ष 2018 के समान अवधि में रही 3.9 फीसदी की वृद्घि दर से अधिक है।
शुक्रवार को जारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली सहित 8 क्षेत्रों की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 के पहले 8 महीनों (अप्रैल-नवंबर) में 4.8 प्रतिशत रही है। यह पिछले वित्त वर्ष 2018 की समान अवधि के 3.9 प्रतिशत की तुलना में ज्यादा है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि प्रतिकूल आधार के असर के साथ सीमेंट के उत्पादन में अचानक आई सुस्ती और बिजली उत्पादन कम होने की वजह से कुल मिलाकर प्रमुख क्षेत्रों की वृद्धि दर कम हो गई। कुल औद्योगिक उत्पादन में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले इस क्षेत्र में सीमेंट अहम है, क्योंकि देश में निर्माण गतिविधियों का असर इस पर होता है। उर्वरक के उत्पादन मेंं दिसंबर में गिरावट आई है, लेकिन रफ्तार सुस्त रही। इस क्षेत्र का उत्पादन 2 प्रतिशत कम रहा, जो नवंबर में हुई 8 प्रतिशत की गिरावट की तुलना में कम है। इस क्षेत्र में आयात मजबूत बना हुआ है।
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