छह और मामलों में चंदा कोछड़ सवालों के घेरे में | |
श्रीमी चौधरी / नई दिल्ली 01 31, 2019 | | | | |
► समिति ने कहा कि वीडियोकॉन से इतर कई अन्य फर्मों के कर्ज पुनर्गठन मामले में किया गया नियमों का उल्लंघन
► समिति ने बैंक को ऋण आवंटन प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाने का दिया सुझाव
श्रीकृष्ण समिति ने अपनी जांच में पाया है कि आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोछड़ द्वारा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के अलावा कम से कम छह कारोबारी खातों के कर्ज पुनर्गठन में कारोबारी संचालन एवं खुलासा नियमों का उल्लंघन किया गया है। वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक के 3,250 करोड़ रुपये के कर्ज मामले की समिति की जांच रिपोर्ट की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने इसकी जानकारी दी। उनके अनुसार समिति ने इन फर्मों को कर्ज आवंटन में पक्षपात करने तथा हितों के टकराव का उल्लेख किया है। इन फर्मों का पुनर्वित्त और कर्ज पुनर्गठन किया गया था, जिसे बैंक की ऋण समिति द्वारा मंजूर किया गया था। उन्होंने कहा, 'कुछ ऋण खातों/कर्जदारों से स्पष्ट पता चलता है कि कोछड़ ने निष्ठापूर्वक अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और अपने पद का दुरुपयोग किया। इस मामले में उन्हें या तो खुलासा करना चाहिए था या बैंक की ऋण समिति से खुद को अलग कर लेना चाहिए था।'
वीडियोकॉन ऋण खाते के मामले में समिति ने फॉरेंसिक ऑडिट को साक्ष्य के तौर पर पेश किया है, जिससे कोछड़, उनके पति दीपक कोछड़ तथा वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के बीच सांठगांठ का पता चलता है। इसके अलावा समिति ने न्यूपावर रीन्यूएबल्स तथा इस सौदे से जुड़े अन्य लाभार्थियों को 64 करोड़ रुपये के कर्ज हस्तांतरण का पूरा कच्चा चि_ा खोला है। समिति ने बैंक को खास तौर पर हितों के टकराव से जुड़े मामले के संदर्भ में अपनी ऋण देने की प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाने का भी सुझाव दिया।
हालांकि समिति ने इस मामले में ऋण आवंटन समिति की भूमिका के बारे में कुछ नहीं कहा। वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक के मामले का खुलासा होने के बाद बैंक ने इसकी स्वतंत्र जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्ण के नेतृत्व में एक समिति गठित की थी। समिति ने बुधवार को अपनी जांच रिपोर्ट बैंक के निदेशक मंडल को सौंप दी। इसके बाद बैंक ने कोछड़ के सभी बकाया सेवानिवृत्ति लाभ को रोकने तथा 2009 से उनको दिए बोनस को वसूल करने का निर्णय किया।
बैंक ने एक बयान में कहा, 'वीडियोकॉन ग्रुप को ऋण आवंटन में कोछड़ ने हितों के टकराव और आवश्यक खुलासे आदि से निपटने में गंभीरता नहीं दिखाई। इस ग्रुप से उनके निकटतम संबंधियों के कारोबारी हित जुड़े थे।' पिछले सप्ताह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वीडियोकॉन ग्रुप को ऋण देने के मामले में सांठगांठ के आरोप में कोछड़ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी में यह भी कहा था कि आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन के वी कामथ और मौजूदा प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी संदीप बक्षी सहित दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा सकती है। पहली बार अपने खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद कोछड़ ने इन सभी आरोपों का खंडन किया था। इसके बाद बैंक के निदेशकमंडल ने पूरी रिपोर्ट अपने सीईओ को दिखा दिए थे।
सीबीआई के अलावा कर विभाग और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) भी इस मामले की जांच कर रहे हैं। इस रिपोर्ट से इन एजेंसियों को मामले को अंतिम रूप देने में मदद मिलेगी। कोछड़ ने एक बयान में कहा कि उसे रिपोर्ट की प्रति नहीं सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि वह बैंक के फैसले से रिपोर्ट से निराश और विस्मित हैं। कोछड़ ने अपने बयान में कहा, 'मैं एक बार फिर दोहराती हूं कि ऋण आवंटन से जुड़ा कोई भी फैसला किसी के द्वारा अकेले नहीं किया गया था। आईसीआईसीआई बैंक एक ऐसा संस्थान है, जहां पुख्ता प्रक्रिया एवं प्रणाली के तहत समिति आधारित सामूहित रूप से निर्णय लेती है। लिहाजा, संगठन का ढांचा और इसकी संरचना किसी भी हितों के टकराव ना हो इसका पूरा ध्यान रखती है।' कोछड़ ने कहा कि अपने 34 साल के कार्यकाल में उन्होंने पूरे समर्पण के साथ काम किया और बैंक के हित में कभी भी कोई कठोर निर्णय करने से नहीं चूकीं।
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