गिरवी शेयरों से बाजार में घबराहट | |
सुंदर सेतुरामन / मुंबई 01 28, 2019 | | | | |
घरेलू बाजार में आज जोरदार बिकवाली देखी गई जिससे बेंचमार्क सूचकांक एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट पर बंद हुए। ज्यादा कर्ज वाली कंपनियों और प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों को लेकर निवेशकों की चिंता बढऩे से बाजार में गिरावट आई। देश के सबसे बड़े टेलीविजन नेटवर्क ज़ी से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार को आई तेज गिरावट से निवेशकों में घबराहट देखी गई। हालांकि ऋणदाताओं के करार के बाद सोमवार को ज़ी ने अच्छी वापसी की। बेंचमार्क सेंसेक्स 369 अंक गिरकर तीन हफ्ते के निचले स्तर 35,657 पर बंद हुआ। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 119 अंक गिरकर 10,661 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 में भी करीब दो फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
अदाणी पोट्र्स, अदाणी पावर, जिंदल स्टेनलेस, रिलायंस कैपिटल और सुजलॉन के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। अदाणी पोट्र्स और अदाणी पावर के शेयर करीब 20 फीसदी गिरावट पर बंद हुए। इनमें से अधिकांश कंपनियों पर काफी कर्ज है और उनके प्रवर्तकों ने ऋणदाताओं के पास शेयर गिरवी रखे हैं। भुगतान में चूक की आशंका से बैंकिंग एवं वित्तीय कंपनियों के शेयरों में भी खासी गिरावट देखी गई। डीएचएफएल में 12 फीसदी, येस बैंक में 5.5 फीसदी और आईसीआईसीआई बैंक में 3.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
डाल्टन कैपिटल के प्रबंध निदेशक यूआर भट्ट ने कहा, 'एस्सेल समूह के घटनाक्रम से भी घबराहट बढ़ी है। निवेशक ऐसी कंपनियों से दूर रहना चाहते हैं जिनके प्रवर्तकों ने शेयर गिरवी रखकर कर्ज लिया है।' विशेषज्ञों ने कहा कि ताजा घटनाक्रम से आईएलऐंडएफएस का मामला फिर से उभरने का जोखिम है।
एवेंडस कैपिटल पब्लिक मार्केट्स अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, 'बाजार में तरलता को लेकर चिंता बनी हुई है। इससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हो रही है। जिस तरह की अनिश्चितता से बाजार उबरता दिख रहा था वह फिर से उभर रही है। आगे गिरवी शेयरों को लेकर भी काफी अफवाहें चलेंगी। इन सबसे बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।' बाजार में उतार-चढ़ाव को आंकने का पैमाना इंडिया वीआईएक्स सूचकांक 7 फीसदी चढ़कर 18.9 फीसदी पर पहुंच गया। बीएसई के सभी 19 क्षेत्रीय सूचकांकों में से दो को छोड़कर सभी में गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों ने कहा कि गुरुवार को जनवरी डेरिवेटिव के निपटान से पहले चुनिंदा शेयरों में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक बजट और कंपनियों के तिमाही नतीजों की घोषणा को लेकर पहले से ही सर्तक रुख अपना रहे हैं। बाजार के भागीदारों की नजर इस पर होगी कि केंद्र सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पूरा कर पाती है या नहीं। विशेषज्ञों के मुताबिक निवेशकों को कम कर्ज, मजबूत कारोबारी संचालन एवं प्रबंधन वाली कंपनियों में निवेश बनाए रखना चाहिए।
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