मूल्य निर्धारण दबाव के बीच हिंद जिंक का शानदार प्रदर्शन | उज्ज्वल जौहरी / January 27, 2019 | | | | |
हिंदुस्तान जिंक ने दिसंबर 2018 की तिमाही में अपने वित्तीय प्रदर्शन में सुधार दर्ज किया है। हालांकि एक साल पहले की तुलना में धातु कीमतों में गिरावट की वजह से कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन कमजोर रहा है। लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर जस्ता कीमतें 2,631 डॉलर प्रति टन पर सालाना आधार पर 19 प्रतिशत नीचे हैं, लेकिन तिमाही आधार पर इनमें 4 प्रतिशत का सुधार दर्ज किया गया है। एलएमई पर सीसा कीमतें 1,964 डॉलर के साथ सालाना आधार पर 21 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 7 प्रतिशत नीचे हैं। कीमतों में गिरावट को देखते हुए राजस्व में सालाना गिरावट का अंदाजा लगाया गया था। कंपनी ने 7 फीसदी की राजस्व वृद्घि दर्ज की और उसे रुपये में गिरावट और बिक्री में कुछ मजबूती से कुछ हद तक मदद मिली है।
कंपनी को अपनी खनन प्रणाली में बदलाव से कुछ हद तक दबाव का सामना करना पड़ा। कंपनी ने अपनी खनन प्रणाली को ओपन-कास्ट खनन से बदलकर भूमिगत खनन पर जोर दिया जिससे उत्पादन के संदर्भ में वित्त वर्ष 2019 की पहली छमाही में कमजोरी दर्ज की गई। साथ ही इससे ओपन-कास्ट खदानें भी बंद हुईं। हालांकि दिसंबर तिमाही में बिक्री में सुधार दर्ज किया गया। कुल खनन धातु उत्पादन तिमाही आधार पर 6 प्रतिशत तक और सालाना आधार पर यह 3 प्रतिशत बढ़कर 247,000 टन पर रहा। इसे भूमिगत अयस्क उत्पादन में मजबूत वृद्घि और अयस्क ग्रेड में सुधार से मदद मिली।
उत्पादन में वृद्घि, उत्पादन की लागत में कमी से ऊर्जा कीमतें नीचे लाने में मदद मिली जिससे दिसंबर तिमाही के प्रदर्शन पर सकारात्मक असर दिखा। तिमाही के दौरान परिचालन से कंपनी का राजस्व 5,540 करोड़ रुपये पर रहा जो तिमाही आधार पर 16 प्रतिशत ज्यादा है। तिमाही के दौरान रॉयल्टी से पूर्व जस्ता उत्पादन की लागत (सीओपी) 997 डॉलर पर रही जो तिमाही आधार पर 4 प्रतिशत (रुपये के संदर्भ में 1 प्रतिशत) तक की वृद्घि है। मजबूत बिक्री, परिचालन दक्षता और कम डीजल लागत की वजह से परिचालन मुनाफा 2,851 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो तिमाही आधार पर 23.2 प्रतिशत अधिक और सालाना आधार पर 13 प्रतिशत कम है। हालांकि यह 2,811 करोड़ रुपये के अनुमान की तुलना में बेहतर है।
अन्य आय स्रोतों की मदद से शुद्घ लाभ में सुधार दर्ज किया गया। 2,211 करोड़ रुपये पर कंपनी का शुद्घ लाभ तिमाही आधार पर 22 प्रतिशत (सालाना आधार पर 4 प्रतिशत कम) बढ़ा, जो विश्लेषकों के 2,050 करोड़ रुपये के अनुमान की तुलना में बेहतर है। भूमिगत खदानों के मौजूदा सुधार के सााि भविष्य में, वित्त वर्ष 2019 में खनन धातु उत्पादन पिछले साल की तुलना में कुछ ज्यादा रहने की संभावना है। पहली छमाही में कमजोरी के बावजूद यह उत्पादन शुरू में जताए गए सालाना उत्पादन अनुमान के अनुरूप रहने की संभावना है। कंपनी को वित्त वर्ष 2020 तक 12 लाख टन सालाना खनन धातु उत्पादन का लक्ष्य हासिल होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2019 की दूसरी छमाही में रॉयल्टी से पूर्व जस्ता सीओपी 950 डॉलर से 975 डॉलर प्रति 10 लाख टन के दायरे में रहने की संभावना है। ऊर्जा कीमतों में नरमी, कोल लिंकेज में वृद्घि और परिचालन दक्षता की वजह से सीओपी यानी जस्ता उत्पादन लागत में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
जहां बढ़ती बिक्री और उत्पादन लागत में कमी का लाभ में योगदान बरकरार रहेगा, लेकिन सभी की नजरें जस्ता धातु कीमत में उतार-चढ़ाव पर लगा रहेगा। व्यापार युद्घ की चिंताओं से बेस मेटल कीमतें अस्थिर बनी हुई हैं। कुछ विश्लेषक भविष्य में जस्ता आपूर्ति बढऩे और 2020 में अधिशेष की स्थिति पैदा होने की भी आशंका जता रहे हैं जिससे कीमतों पर दबाव बना रह सकता है। हालांकि कंपनी प्रबंधन को जस्ता आपूर्ति में ज्यादा सुधार की उम्मीद नहीं दिख रही है और इसलिए कीमतों पर दबाव बना रहेगा। वित्तीय परिणाम के बाद आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि भविष्य में जस्ता कीमतों में उतार-चढ़ाव और अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार घटनाक्रम प्रमुख कारक बने रहेंगे।
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