एसबीआई लाइफ कई मानकों पर प्रतिस्पर्धियों से आगे | हंसिनी कार्तिक / January 27, 2019 | | | | |
ऐसे समय में जब हाल में जीवन बीमा कंपनियों के शेयरों में कमजोरी दर्ज की गई, एसबीआई लाइफ इसका एकमात्र अपवाद रहा। पिछले मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद अपने तिमाही परिणाम घोषित करने वाली आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ (आई-प्रू लाइफ) और एचडीएफसी लाइफ के शेयर उम्मीदों पर कायम नहीं रहे और बुधवार को इनमें 11 प्रतिशत और 3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। कुल मिलाकर, इक्विटी बाजारों पर अपनी निर्भरता की वजह से जीवन बीमा कंपनियों के शेयरों में बाजार में अच्छी तेजी दर्ज नहीं की गई है।
हालांकि, इक्विटी-लिंक्ड योजनाओं और प्रोटेक्शन योजनाओं के अच्छे मिश्रण से एसबीआई लाइफ (भारतीय स्टेट बैंक द्वारा प्रवर्तित) को अन्य कंपनियों की तुलना में बढ़त दर्ज करने में मदद मिली है। खबरों से पता चलता है कि एसबीआई लाइफ ने पिछले कुछ महीनों के दौरान इंडिविजुअल सेगमेंट में बाजार भागीदारी हासिल की है। दिसंबर के आंकड़े से संकेत मिलता है कि इस सेगमेंट से सालाना प्रीमियम में 23 प्रतिशत की वृद्घि के साथ एसबीआई लाइफ रिटेल (लोगों के लिए पॉलिसी) बाजार में शीर्ष पर रही है। नए व्यवसाय का मूल्य (वीएनबी) सालाना आधार पर 34.5 प्रतिशत बढऩे से एसबीआई लाइफ ने अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बेहतर वृद्घि दर्ज की है।
यह वृद्घि बेहद संतुलित भी रही है। लोगों से नए बिजनेस प्रीमियम (एनबीपी) पर आधारित एसबीआई लाइफ का यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसी (यूलिप) के जरिये इक्विटी बाजार में 57 प्रतिशत निवेश है। यह सेगमेंट दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 23 प्रतिशत बढ़ा। दूसरी तरफ, यूलिप के लिए आई-प्रू लाइफ का 79 प्रतिशत के निवेश से खुदरा एनबीपी में 14 प्रतिशत की गिरावट को बढ़ावा मिला। एचडीएफसी लाइफ का यूलिप से संबंधित योजनाओं में 59 प्रतिशत निवेश है जो 4 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा, लेकिन पूर्ववर्ती तिमाहियों की तुलना में यह कम है।
एसबीआई लाइफ का व्यवसाय प्रोटेक्शन पॉलिसीज से अधिक जुड़ा हुआ है। ये मुख्य रूप से ऐसी टर्म बीमा योजनाएं होती हैं जिनमें बचत या निवेश पर कम और फुल इंश्योरेंस कवर पर ज्यादा जोर दिया जाता है। इसलिए, भविष्य में इसके लाभदायक व्यवसाय बने रहने की संभावना है। एसबीआई लाइफ का लगभग 12 प्रतिशत व्यवसाय प्रोटेक्शन प्लांस से आता है, जो एचडीएफसी लाइफ और आई-प्रू लाइफ के 7 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की तुलना में ज्यादा है। एसबीआई लाइफ का प्रोटेक्शन व्यवसाय तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 220 प्रतिशत बढ़ा।
प्रोटेक्शन व्यवसाय में लगभग 100 प्रतिशत की वृद्घि के बावजूद कम आधार को देखते हुए आई-प्रू लाइफ को इनसे लाभ हासिल करने में समय लग सकता है। वहीं एचडीएफसी लाइफ में प्रोटेक्शन योजनाओं में 50 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई। एसबीआई के लिए दूसरी राहत यह है कि उसके तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम में सुधार आया है। 5.5 प्रतिशत के परिचालन खर्च अनुपात पर, उसका व्यवसाय उसके प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अधिक लागत किफायती है। हालांकि एसबीआई लाइफ की मूल्य निर्धारण ताकत में सुधार का अब उसके परिचालन मार्जिन में असर दिख रहा है।
बाद में ज्यादातर वृद्घि सिंगल-प्रीमियम उत्पादों के जरिये हासिल हुई। जहां इनसे कंपनी को मुनाफा सुधारने में मदद मिली, वहीं पर्सिस्टेंसी रेशियो प्रभावित हो सकता है और दीर्घावधि में यह बरकरार नहीं रह सकता है। मौजूदा समय में हालांकि 13 महीने का पर्सिस्टेंसी रेशियो एक साल पहले के 78.4 प्रतिशत से बढ़कर तीसरी तिमाही में 83.3 प्रतिशत रहा, जबकि 61 महीने का अनुपात 54 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो गया। इन सकारात्मक बदलावों और आकर्षक मूल्यांकन को देखते हुए जेफरीज और नोमुरा के विश्लेषकों के लिए एसबीआई लाइफ का शेयर जीवन बीमा क्षेत्र में पसंदीदा शेयर बन गया है।
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