सिद्धार्थ माइंडट्री को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे | देवाशिष महापात्र / January 27, 2019 | | | | |
सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी माइंडट्री 1 अरब डॉलर के राजस्व के साथ वृद्धि को रफ्तार दे रही है लेकिन उसके सबसे बड़े निवेशक वीजी सिद्धार्थ कंपनी में अपनी 21 फीसदी हिस्सेदारी को भुनाने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में कंपनी के प्रबंधन में उथल-पुथल मचने अथवा आक्रामक अधिग्रहण की आशंका जताई जा रही है। माइंडट्री के कार्यकारी चेयरमैन कृष्णकुमार नटराजन ने देवाशिष महापात्र से बातचीत में कहा कि सिद्धार्थ कंपनी को नुकसान नहीं होने देंगे। पेश हैं मुख्य अंश:
सिद्धार्थ यदि अपनी हिस्सेदारी ऐसी कंपनी को बेचते हैं जो प्रबंधन में बदलाव पर जोर देगी तो क्या विकल्प होगा?
मैं समझता हूं कि यह पूरी तरह कयासबाजी है। उन्होंने (सिद्धार्थ) यह नहीं दर्शाया है कि वह ऐसा कुछ करना चाहते हैं। हमारा कारोबार स्थिरता के लिए, शेयरधारकों के लिए मूल्य सृजित करने के लिए तैयार हुआ है। हम उसी पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इसमें काफी वक्त लगेगा। संभवत: हम अपनी यात्रा का एक हिस्सा पूरा कर लिया है। लेकिन हमें अभी भी काफी लंबा सफर करना बाकी है।
आप पूरी यात्रा देखना चाहते हैं?
अब टीम ऊर्जा से ओतप्रोत है। लेकिन कुछ ऐसी परिस्थिति होती है जिसे आप नियंत्रित नहीं कर सकते। कारोबार दिन ब दिन कहीं अधिक जटिल होता जा रहा है। हम कंपनी को आगे की यात्रा के लिए रफ्तार देना चाहते हैं। आपको क्रिकेट से एक उदाहरण देते हैं। हमने उस समय बल्लेबाजी की जब गेंट काफी स्विंग कर रहा था। अब हमें गेंद सही दिख रहा है क्योंकि हम पिछले 20 वर्ष की पारी खेल चुके हैं। हमारा सहयोग काफी अच्छा है। हम उम्मीद करते हैं कि एक शतक या अधिक बनाने की उम्मीद करते हैं। यही हमारी इच्छा रही है।
आक्रामक अधिग्रहण की कितनी संभावना है? सिद्धार्थ के साथ आपका संबंध कैसा है?
सिद्धार्थ के साथ हमारा संबंध काफी सौहार्दपूर्ण है। उनका भी मानना है कि वह कंपनी के सर्जक हैं। हालांकि कंपनी के संस्थापक होने के नाते उससे हमारा भावनात्मक लगाव काफी है लेकिन सिद्धार्थ की प्रतिबद्धता भी उसी स्तर की है क्योंकि एक तरीके से उन्होंने भी माइंडट्री को गढ़ा है। हमें विश्वास है कि सिद्धार्थ ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे कंपनी को नुकसान हो।
खबरों में कहा गया है कि यदि एलऐंडटी इन्फोटेक जैसी कुछ प्रतिस्पर्धी कंपनी सामने आती है तो बड़ी कंपनी के उभरने से क्लाइंट-कंसेंट्रेशन जोखिम दूर होगा। ऐसे में संस्थापक क्यों इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं?
हम यहां एक बेहतरीन संस्थान तैयार करने के लिए खड़े हैं। जैसा मैंने कहा कि अभी तो महज 20 साल का सफर पूरा हुआ है। एनआर नारायणमूर्ति जैसे व्यक्ति आपका रोल मॉडल होना चाहिए जिन्होंने इन्फोसिस जैसी महान कंपनी को खड़ा किया। उनकी तरह आकांक्षा रखना महज तार्किक है। इन्फोसिस ने हमारे जैसे तमाम लोगों को प्रेरित किया है।
क्या संस्थापक लंबी अवधि के मुनाफे पर नजर रखने वाले वित्तीय निवेशकों अथवा माइंडट्री की भविष्य की दिशा तय करने वाले खरीदारों को स्वीकारेंगे?
ईमानदार से कहें तो अभी हम उस मोड़ पर नहीं पहुंचे हैं। हमारे निर्णय लेने के लिए ऐसा कुछ नहीं है। जहां तक रणनीतिक दिशा का सवाल है तो हम (संस्थापक) कारोबार में भरोसा करते हैं और भविष्य को लेकर एक नजरिया रखते हैं।
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