प्रबंधन अनिश्चितता से आईसीआईसीआई बैंक के शेयर पर जारी रहेगा दबाव | हंसिनी कार्तिक / मुंबई January 25, 2019 | | | | |
आईसीआईसीआई बैंक के लिए स्थितियां तभी से बदलने लगी जब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी चंदा कोछड़ के खिलाफ उनके पति और वीडियोकॉन समूह के प्रबंध निदेशक वेणुगोपाल धूत के बीच लेनदेन के संबंध में एफआईआर दर्ज की थी। विश्लेषकों का कहना है कि इस खबर का अधिकांश असर पहले ही दिख चुका है लेकिन गुरुवार को बैंक के कंपनी प्रशासन को लेकर आशंका जताने की चर्चा गरमाने लगी। निवेशकों को इस बात से भी झटका लगा कि आईसीआईसीआई बैंक और उसकी सहायक कंपनी के कुछ मौजूदा शीर्ष अधिकारियों को भी एफआईआर में नामजद किया गया है। बैंक के वर्तमान प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी संदीप बख्शी और आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी एनएस कन्नन को सीबीआई ने अपनी एफआईआर में नामजद इसलिए किया है कि क्योंकि वे उस दौरान ऋणदाता समिति में शामिल थे। इसके अलावा बैंक के अन्य पूर्व कर्मचारियों का भी एफआईआर में नाम लिया गया है। यही कारण है कि आईसीआईसीआई बैंक का शेयर आज करीब 2 फीसदी लुढ़क गया जबकि आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के शेयर को 1.5 फीसदी का झटका लगा।
ऐसे में बाजार विश्लेषकों का मानना है कि जब तक मौजूदा प्रबंध निदेश एवं मुख्य कार्याधिकारियों के खिलाफ आरोप खत्म नहीं हो जाते, तब तक लघु अवधि में आईसीआईसीआई बैंक और ाईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के शेयरों पर दबाव बरकरार रहेगा। एक विदेशी ब्रोकरेज के विश्लेषक ने कहा, 'हम नेतृत्व में स्थिरता के संदर्भ में आगे की राह पर बैंक के प्रबंधन से स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं।' बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी के खिलाफ सीबीआई के आरोप पत्र के अलावा हितों के टकराव के मुद्दे पर श्रीकृष्ण समिति की जांच भी चल रही है। एक विश्लेषक ने कहा, 'अंतिम रिपोर्ट एक सप्ताह में आने की उम्मीद है और उसके साथ ही सभी अनिश्चितता खत्म हो जानी चाहिए।'
फिलहाल बाजार इन जांच के कारण बैंक के लिए अतिरिक्त वित्तीय जोखिम नहीं लेना चाहता है। वीडियोकॉन समूह को दिए गए ऋण को कुछ तिमाही पहले गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) श्रेणी में रख दिया गया था। इसलिए जांच के दौरान यदि कोई नया मुद्दा सामने नहीं आया तो एनपीए में तब्दील हो चुके इस ऋण के लिए बैंक को ताजा प्रावधान करना होगा। जहां तक निवेशकों और विशेष तौर पर अल्पांश शेयरधारकों का सवाल है तो विश्लेषकों का मानना है कि आईसीआईसीआई बैंक की व्यापक शेयरधारिता के कारण उसके शेयर मूल्य में तेज उथल-पुथल दिख सकती है। दिसंबर 2018 के शेयरधारिता पैटर्न के अनुसार, आईसीआईसीआई बैंक में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की हिस्सेदारी 43.7 फीसदी है जबकि म्युचुलअ फंडों की हिस्सेदारी 26.7 फीसदी और बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी 17.9 फीसदी है।
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