इस्पात उद्योग में निवेश को मिलेगा बढ़ावा | जयजित दास / भुवनेश्वर January 24, 2019 | | | | |
वित्त वर्ष 19 और 21 के बीच घरेलू इस्पात विनिर्माताओं की ओर से 75,000-80,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किए जाने का अनुमान है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के एक पूर्वानुमान में यह संभावना जताई गई है। घरेलू इस्पात विनिर्माताओं द्वारा अपनी क्षमता में 1.6 करोड़ टन तक इजाफा करने की योजना से इस पूंजीगत व्यय को बढ़ावा मिलेगा। इक्रा के अध्ययन में कहा गया है कि हालिया अधिग्रहण के बाद संकट में फंसी परिसंपत्तियों का मार्ग खुलने से भी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। मध्य अवधि के दौरान भावी नए संयंत्रों की क्षमता और अनुकूल घरेलू मांग की मदद से इस्पात कंपनियों का क्षमता उपयोग वित्त वर्ष 19 से लेकर वित्त वर्ष 21 तक 82-83 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस वित्त वर्ष में इस्पात कंपनियों के मुनाफे के संबंध में यह रिपोर्ट उत्साहजनक है। इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 19 कीअप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से आंकड़े वित्त वर्ष 18 से बेहतर होंगे। उद्योग जब वित्त वर्ष 20 में प्रवेश करेगा और इस्पात के दाम क्रमबद्ध ढंग से संतुलित होने लगेंगे तो मिलों के मुनाफे में क्रबद्ध ढंग से नरमी दर्ज होगी। इसके अलावा वित्त वर्ष 20 में इस्पात उद्योग की शुद्ध आमदनी वित्त वर्ष 19 के समान स्तर पर रहने की संभावना है। मजबूत घरेलू मांग का प्रोत्साहन पाकर अधिक आपूर्ति किए जाने से मुनाफे में इस कमी की काफी हद तक भरपाई हो जाएगी। इससे कंपनियां अपना क्रेडिट प्रोफाइल बनाए रख सकेंगी।
बढिय़ा मांग के बावजूद इस वित्त वर्ष में घरेलू इस्पात उत्पादन का वृद्धि अनुमान 2.5-3 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है। बढ़ते वैश्विक व्यापार तनाव के बीच सस्ते आयात और इस्पात निर्यात में गिरावट आने की आशंका के कारण ऐसा है। वित्त वर्ष 20 में निर्यात की मात्रा निचले स्तर पर स्थिर रहने की संभावना के साथ ही बढिय़ा मांग से प्रोत्साहन पाकर घरेलू इस्पात उत्पादन में 5.5-6 प्रतिशत का विस्तार होने की संभावना है। लेकिन कैलेंडर वर्ष 2019 में चीन के लिए जताए गए स्थिरमांग वृद्धि के पूर्वानुमान से अंतरराष्टï्रीय कीमतें नरम रहेंगी और वित्त वर्ष 20 में इस्पात के घरेलू दाम मौजूदा स्तर से नीचे आ जाएंगे।
चीन का हॉट रोल्ड कॉइल्स निर्यात दिसंबर के पहले सप्ताह में फिसलकर 476 डॉलर प्रति टन पर आ गया जो अक्टूबर के पहले सप्ताह में 560 डॉलर प्रति टन पर था। इस तरह इसमें दो महीने के दौरान 15.3 प्रतिशत की गिरावट आई। इक्रा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस्पात के अंतरराष्ट्रीय दामों में हाल ही में आई गिरावट से आने वाले सप्ताहों में घरेलू इस्पात आयात सस्ता हो जाएगा जब ये खेपें भारतीय तटों पर आने लगेंगी। इससे वित्त वर्ष 19 की चौथी तिमाही में इस्पात के घरेलू दामों पर दबाव बढ़ेगा।
दूसरी ओर कच्चे माल के संबंध में इस्पात विनिर्माताओं को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ रहा हैं। वित्त वर्ष 19 में अप्रैल से दिसंबर तक की अवधि के बीच घरेलू लौह अयस्क की कीमतों में 22 फीसदी की तेजी देखी गई। एनएमडीसी की डोनीमलाई खदान बंद होने से कर्नाटक में आपूर्ति की कमी का समाधान होने के बाद अगले वित्त वर्ष में लौह अयस्क की कीमतें कम होने की उम्मीद है। लौह अयस्क की ही तरह कोकिंग कोयले की कीमतें भी चालू वित्त वर्ष के दौरान सख्त हुई हैं। ऑस्ट्रेलिया में मौसम की बेरुखी और बंदरगाह पर भीड़-भाड़ जैसे मसलों से निकट अवधि में कोकिंग कोयले की कीमतें बढऩे के आसार हैं। इस्पात के दामों में नरमी के बावजूद कोकिंग कोयले की कीमतों में तेजी देखी गई है। हालांकि इक्रा को उम्मीद है कि आगे चलकर इस्पात और कोयले के दामों में इस विसंगति में सुधार होने की उम्मीद है।
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