बैंक होंगे जेट के बड़े शेयरधारक! | |
अरिंदम मजूमदार और अनीश फडणीस / 01 16, 2019 | | | | |
► पुनर्गठन योजना के तहत जेट एयरवेज के निदेशक मंडल में बदलाव पर विचार
► जेट एयरवेज को उबारने के लिए समाधान योजना पर चल रहा काम
► बैंक कर्ज को इक्विटी में बदलने सहित कई विकल्पों पर कर रहे विचार
► बैंकरों और एतिहाद ने निवेश के लिए रखी कई शर्तें
► निदेशक मंडल से हटेंगे गोयल, बेटे निवान को मिल सकती है जगह
संकट में फंसी जेट एयरवेज और उसके कर्जदाताओं के बीच बातचीत अंतिम चरण में मानी जा रही है, वहीं नरेश गोयल की अगुआई वाली कंपनी ने आधिकारिक बयान जारी कर विदेशी साझेदार एतिहाद को काफी कम भाव पर शेयर जारी करने की अटकलों को बेबुनियाद बताया है। जेट का शेयर बीएसई पर 7.95 फीसदी गिरकर 271 रुपये पर बंद होने के बाद कंपनी का यह बयान आया है। कंपनी ने इसकी पुष्टि की कि समाधान योजना के विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, जिनमें कर्ज-इक्विटी, शेयरधारकों की ओर से इक्विटी निवेश और कंपनी के निदेशक मंडल में बदलाव जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।
सूत्रों ने संकेत दिया कि समाधान योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई में बैंकों का कंसोर्टियम विमानन कंपनी के पुनर्गठन के बाद जेट का सबसे बड़ा शेयरधारक होगा। जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले एक बैंक के अधिकारी ने कहा कि एसबीआई के नेतृत्व वाला कंसोर्टियम जेट एयरवेज में करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी ले सकता है, वहीं एतिहाद की हिस्सेदारी महज 2 से 3 फीसदी तक बढ़ सकती है। जेट के संस्थापक चेयरमैन गोयल की हिस्सेदारी घटकर 24 फीसदी के करीब रह सकती है। वर्तमान में गोयल के पास कंपनी की 51 फीसदी हिस्सेदारी है, वहीं एतिहाद के पास 24 फीसदी हिस्सेदारी है।
बैंकों और विमानन कंपनी के अधिकारियों के बीच धन जुटाने के विकल्पों को लेकर आज बातचीत हुई है। एक अन्य अहम सवाल खुली पेशकश को लेकर है। घटनाक्रम के जानकार एक अधिकारी ने कहा कि अगर कंपनी के स्वामित्व ढांचे में बदलाव होता है और गोयल परिवार जेट के सक्रिय प्रवर्तक नहीं रहते हैं, तो इसे कंपनी के पुनर्गठन के तौर पर देखा जा सकता है और उसे खुली पेशकश से छूट दी जा सकती है। हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय सेबी का होगा। लेकिन छूट के लिए नागरिक उड्डयन मंंत्रालय से नियामकीय मंजूरी मिलने में देरी हो सकती है क्योंकि विमानन सचिव राजीव नयन चौबे अगले 15 दिन में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
एक अधिकारी ने कहा, 'नागरिक उड्डयन मंत्रालय में इस तरह के छूट की सिफारिश करने वाले प्राधिकरण को लेकर संशय बना हुआ है। हालांकि स्पाइसजेट को इस तरह की छूट दी गई थी। वैसे, सचिव इस तरह का विवादास्पद निर्णय लेना नहीं चाहेेंगे।' बैंकरों की ओर से भी शर्तें तय की गई हैं। उदाहरण के लिए कर्जदाता जेट एयरवेज के निदेशक मंडल में शामिल हो सकते हैं। समझा जाता है कि वे गोयल से व्यक्तिगत गारंटी और विदेशी बॉन्डों के पुनर्गठन पर जोर दे रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि ईवाई द्वारा किया गया फॉरेंसिक ऑडिट को अभी शेयरधारकों को नहीं दिया गया था। सूत्रों ने कहा कि ऑडिट में मामूली फेरबदल पाया गया है लेकिन वित्तपोषण में किसी तरह की बड़ी गड़बड़ी नहीं पाई गई है। खबरों के अनुसार एतिहाद ने जेट में अतिरिक्त इक्विटी निवेश करने के लिए कड़ी शर्तें रखी हैं, जिनमें 150 रुपये प्रति शेयर के भाव पर निवेश करना, गोयल के पद छोडऩे तथा खुली पेशकश नियमों एवं तरजीही शेयर आवंटन नियमों से राहत देना शामिल है।
एतिहाद के मुख्य कार्याधिकारी टोनी डॉगलस के हवाले से कहा है कि उन्होंने एसबीआई को पत्र लिखकर बताया है कि जेट की वित्तीय स्थिति खस्ताहाल है। हफ्ते भर में उसकी नकदी खत्म हो सकती है। इसके तहत एतिहाद को अपनी ओर से मुख्य कार्याधिकारी नियुक्त करने का भी अधिकार होगा। बुधवार को बंद भाव के मुताबिक जेट का मूल्यांकन 3,078 करोड़ रुपये रह गया है। इस बारे में एतिहाद ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। एतिहाद और कर्जदाता चाहते हैं कि गोयल कंपनी का नियंत्रण छोड़ देें। अभी गोयल और उनकी पत्नी अनीता दोनों जेट के निदेशक मंडल में शामिल हैं। संकेत है कि गोयल के बेटे निवान को बोर्ड में जगह दी जा सकती है। जेट को मार्च के अंत में 1700 करोड़ रुपये का कर्ज लौटाना है। इसमें पश्चिम एशिया के विभिन्न बैंकों से 2014 में लिया गया 15 करोड़ डॉलर (करीब 1050 करोड़ रुपये) का ऋण भी शामिल है।
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