बैंक ऑफ बड़ौदा के निवेशकों के चेहरे खिले | हंसिनी कार्तिक / मुंबई January 04, 2019 | | | | |
बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के शेयरधारकों के लिए विलय को पहले कड़वी गोली माना जा रहा था, लेकिन अब यह उसके लिए फायदेमंद नजर आ रहा है। कारोबार के कमजोर सत्र के कारण बीओबी ने शुरुआत बढ़त गंवाई, लेकिन विजया बैंक और देना बैंक भारी गिरावट के साथ बंद हुए। विजया बैंक के शेयर बुधवार को 7.5 फीसदी और देना बैंक के शेयर 20 फीसदी गिरकर बंद हुए। सबसे अहम बात यह है कि शेयर अदला-बदली का अनुपात बैंक ऑफ बड़ौदा के पक्ष में काम कर रहा है, इसलिए दलाल पथ का मानना है कि इस शेयर के लिए अनिश्चितता का दौर पीछे छूट चुका है।
संपत्ति की गुणवत्ता और पूंजी पर्याप्तता के मापदंडों पर विजया बैंक बीओबी से मजबूत है। देना बैंक इन मानकों पर अत्यधिक कमजोर है। दलाल पथ का मानना है कि अगर बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ अन्य बैंकों के समान बर्ताव किया जाता तो इस विलय से वह कमजोर होता। हालांकि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि शेयर अदला-बदली में इक्विटी हिस्सेदारी में कमी 22 फीसदी तक सीमित की गई है, जबकि पहले विलय होने वाली कंपनी के लिए 25 फीसदी का अनुमान जताया जा रहा था। विश्लेषक ने कहा, 'यह विलय पहली नजर में देखने पर बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए फायदेमंद नजर आ रहा है।'
विलय यह भी बताता है कि बाजार का नजरिया बीओबी को लेकर सकारात्मक है। संयुक्त बैंक ऑफ बड़ौदा अग्रिमों के मामले में तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। इससे आईसीआईसीआई बैंक एक पायदान नीचे आ जाएगा। हालांकि बैंक ऑफ बड़ौदा को बिना विलय के इस मुकाम पर पहुंचने में लंबा वक्त लगता। सितंबर तिमाही की आमदनी के आधार पर विलय के बाद बनने वाले बैंक की लोन बुक करीब 6.3 लाख करोड़ रुपये होगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज ने कहा है कि विलय से बनने वाले बैंक के खुदरा ऋणों में 20 फीसदी बढ़ोतरी होगी क्योंकि विजय बैंक की खुदरा ऋण अधिक हैं। बीओबी के खुदरा ऋणों में 400 आधार अंक की वृद्धि होगी। देनदारी के स्तर पर भी इतना ही लाभ मिलने के आसार हैं। इस समय बैंक ऑफ बड़ौदा में कम लागत की चालू खाता-बचत खाता (कासा) जमाओं का हिस्सा 40 फीसदी है, जो विलय के बाद घटकर 37 फीसदी पर आ सकता है। इसकी वजह यह है कि विजया बैंक में कासा का स्तर 22 फीसदी ही है। इसका जमा आधार आधार 44 फीसदी बढ़ जाएगा।
इससे भी अहम पहलू यह है कि संपत्ति गुणवत्ता में तेजी से गिरावट नहीं आएगी। बीओबी की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का अनुपात इस समय 11.8 फीसदी है। संयुक्त इकाई का एनपीए दूसरी तिमाही के आंकड़ों के आधार पर करीब 12.7 फीसदी होगा। इससे एनपीए में करीब एक फीसदी बढ़ोतरी होगी। नोमुरा के विश्लेषकों ने कहा, 'ऐसा लगता है कि हम एनपीए की पहचान के चक्र की समाप्ति के पास पहुंच गए हैं, इसलिए हमें एनपीए में बढ़ोतरी के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।'
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