आईटी में आईपी सौदों की बहार | देवाशिष महापात्र / बेंगलूरु December 25, 2018 | | | | |
एचसीएल टेक्नोलॉजिज (एचसीएल) ने इसी महीने 1.8 अरब डॉलर के एक सौदे के तहत दिग्गज वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीएम के चुनिंदा बौद्धिक संपदा (आईपी) का अधिग्रहण किया था। इस सौदे के बाद आगामी तिमाहियों में बौद्धिक संपदा खरीद के कई सौदे दिख सकते हैं। आईबीएम की विप्रो, टेक महिंद्रा, परसिस्टेंट सिस्टम्स और एरिसेंट टेक्नोलॉजिज जैसी कंपनियों के साथ बौद्धिक संपदा साझेदारी है जो पिछले साल फ्रांस की कंपनी अल्ट्रन ग्रुप के अधिग्रहण के बाद उसका हिस्सा है। विश्लेषकों का मानना है कि आईबीएम अपने बौद्धिक संपदा पोर्टफोलियो के विनिवेश के लिए कोई रणनीतिक निर्णय ले सकती है। उन्होंने कहा कि आईबीएम के साथ मौजूदा साझेदारी वाली आईटी कंपनियां उन बौद्धिक संपदा को खरीद सकती हैं।
सलाहकार फर्म पारीख कंसल्टैंट के संस्थापक पारीख जैन ने कहा, 'यह बिल्कुल स्वाभाविक और तार्किक प्रगति है। आईबीएम अपने बौद्धिक संपदा को बेचना चाहती है और इसे मौजूदा वेंडर अथवा अन्य खरीद सकते हैं। इन बौद्धिक संपदा के विकास पर मौजूदा वेंडरों ने काफी निवेश किया है और इसलिए उनके लिए खरीदने का विकल्प कहीं अधिक व्यावहारिक दिख रहा है।' पिछले दो वर्षों के दौरान एचसीएल, टेक महिंद्रा और विप्रो जैसी तमाम कंपनियों के साथ 20 से अधिक बौद्धिक संपदा साझेदारी की है। कंपनी ने अब अपने बौद्धिक संपदा पोर्टफोलियो को युक्तिसंगत बनाने के लिए एक रणनीतिक निर्णय लिया है। कंपनी अब केवल उन्हीं उत्पादों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो उसके भविष्य की रूपरेखा के लिए प्रासंगिक हैं।
अपनी इस पहल के तहत आईबीएम ने इसी महीने 1.8 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर सात बौद्धिक संपदा की बिक्री एचसीएल को की है। विश्लेषकों ने कहा कि आईबीएम के साथ बौद्धिक संपदा साझेदारी करने वाली एचसीएल जैसी कंपनियां उत्पाद विकास एवं निवेश संबंधों के कारण इन परिसंपत्तियों के स्वाभाविक मालिक हैं और इसलिए उन्हें उन बौद्धिक संपदा के अधिग्रहण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। पारीख कंसल्टैंट के जैन ने कहा, 'यदि आईबीएम अन्य कंपनियों को उन बौद्धिक संपदा परिसंपत्तियों की बिक्री करती है तो मौजूदा बौद्धिक संपदा साझेदारों के लिए काफी अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो जाएगी।' हालांक विश्लेषकों का मानना है कि आईबीएम अपने बौद्धिक संपदा पोर्टफोलियो को हल्का करने जा रही है लेकिन यह कंपनियों की रणनीति पर निर्भर करेगा उन बौद्धिक संपदा की खरीद उनके लिए उपयुक्त रहेगी अथवा नहीं। स्याना कैपिटल के संस्थापक एवं पूर्व आउटसोर्सिंग सलाहकार सिद्धार्थ पई ने कहा, 'आईबीएम भले ही उन बौद्धिक संपदा पर कोई कमाई नहीं कर रही है लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि अन्य कंपनियां भी कमाई नहीं कर सकतीं। इसलिए खरीद सौदा पूरी तरह कंपनियों की निजी रणनीति पर निर्भर करेगा।'
एचसीएल ने इसी महीने घोषणा की थी कि वह आईबीएम से चुनिंदा बौद्धिक संपदा का अधिग्रहण करेगी। यह घरेलू आईटी सेवा क्षेत्र में सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा। नोएडा की कंपनी ने कहा कि उसे इस पोर्टफोलियो से करीब 50 फीसदी परिचालन मार्जिन के साथ 2021 से 65 करोड़ डॉलर के वार्षिक वृद्धिशील राजस्व प्राप्त होगा।
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