वैश्विक फर्मों का मॉडल अपना रही देसी आईटी कंपनियां | देवाशिष महापात्र / बेंगलूरु December 25, 2018 | | | | |
भारतीय आईटी कंपनियां वैश्विक तकनीकी दिग्गजों मसलन एक्सेंचर व आईबीएम के पूंजी आवंटन मॉडलोंं को अपना रही है। ये वैश्विक कंपनियां अपने शेयरधारकों को पुरस्कृत करने के लिए अतिरिक्त नकदी का इस्तेमाल तय अवधि में शेयर पुनर्खरीद कार्यक्रम में कर रही है। मौजूदा वित्त वर्ष में टीसीएस और एचसीएल टेक हालांकि लगातार दूसरे साल शेयर पुनर्खरीद की घोषणा कर चुकी है, वहीं खबर है कि 11 जनवरी की निदेशक मंडल की बैठक में इन्फोसिस ऐसी पुनर्खरीद योजना का ऐलान कर सकती है।
एचसीएल टेक के पूर्व सीईओ और संपर्क फाउंडेशन के संस्थापक चेयरमैन विनीत नैयर ने कहा, हमने देखा है कि एक्सेंचर व आईबीएम अपनी अतिरिक्त नकदी शेयरधारकों को लौटा रही हैं। ऐसा ही आईटी उद्योग करने की कोशिश कर रहा है। कर के लिहाज से शेयरधारकों को नकदी लौटाने के लिए यह सबसे अच्छा तरीका है। इस साल जून में टीसीएस के निदेशक मंडल ने 2,100 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 160 अरब रुपये की पुनर्खरीद योजना को मंजूरी दी थी, जो शेयरधारकों के बीच अतिरिक्त नकदी वितरित करने की कंपनी की पहल का हिस्सा है। कंपनी ने ऐसी खरीद पिछले साल की थी और तब भी 160 अरब रुपये की पुनर्खरीद हुई थी।
इसी तरह एचसीएल टेक दूसरी कंपनी रही जिसने इस वित्त वर्ष में पुनर्खरीद योजना की घोषणा की। कंपनी ने शेयरधारकों को 40 अरब रुपये लौटाने की घोषणा की है। आईटी सेवा फर्म ने पिछले साल मई में 35 अरब रुपये के शेयर खरीदे थे। टीसीएस व एचसीएल टेक के अलावा इन्फोसिस ने 130 अरब रुपये के शेयर खरीदे, वहीं विप्रो ने पिछले वित्त वर्ष में 110 अरब रुपये के शेयरों की पुनर्खरीद की थी। पारीख कंसल्टेंट के संस्थापक पारीख जैन ने कहा, एक्सेंचर व आईबीएम अतिरिक्त नकदी हर साल लौटाती है और इनके यहां नकदी आवंटन की नीति है जिसमें पुनर्खरीद, अधिग्रहण और निवेश शामिल है। मुझे लगता है कि भारतीय आईटी सेवा फर्म ऐसी ही नीति अपना रही है।
वैश्विक तकनीकी दिग्गज एक्सेंचर और आईबीएम अपने शेयरधारकों को नकदी लौटाने के लिए हर साल पुनर्खरीद करती है। आईबीएम ने इस साल अक्टूबर में कहा था कि वह इसके तहत 4 अरब डॉलर के शेयरों की पुनर्खरीद करेगी। एक्सेंचर ने सितंबर में 5 अरब डॉलर की पुनर्खरीद की मंजूरी निदेशक मंडल से हासिल की।
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