स्टार्टअप अब नहीं चुकाएंगे ऐंजल कर | युवराज मलिक / बेंगलूरु December 24, 2018 | | | | |
देश में स्टार्टअप की आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र सरकार आने वाले सप्ताहों में 'ऐंजल कर' नियमों में बदलाव की घोषणा कर सकती है। अंतर-मंत्रालयी चर्चा में शामिल अािकारियों का कहना है कि औद्योगिक नीति एवं संवद्र्घन विभाग (डीआईपीपी) द्वारा मान्यताप्राप्त सभी स्टार्टअप को अब एंजेल कर चुकाने की जरूरत नहीं होगी। शुरू में इस नियम में कहा गया कि सरकारी बोर्ड द्वारा छूट प्राप्त स्टार्टअप ही कर छूट के हकदार होंगे। अब इसमें बदलाव की संभावना है क्योंकि सरकार सभी स्टार्टअप (जो मौजूदा मानकों के तहत स्टार्टअप के तौर पर अर्हता प्राप्त हैं) को कानून के दायरे से मुक्त करने की योजना बना रही है।
इसके अलावा, सरकार अंतर-मंत्रालयी बोर्ड को समाप्त करने की योजना बना रही है जो यह निर्णय लेता है कि क्या स्टार्टअप नया और कर छूट के योग्य है। इस बोर्ड को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (îआईआईटी) और भारतीय प्रबंध संस्थानों (आईआईएम) के विश्लेषकों की संस्था में तब्दील करने की योजना बनाई जा रही है। यह संस्था स्टार्टअप के उचित बाजार मूल्यांकन के मुद्दे और छूट के लिए अनुरोधों की समीक्षा करेगी। उच्चस्तरीय चर्चा में शामिल रहे अधिकारी ने कहा, 'ऐंजल कर- धारा 56 (2) (7 बी) स्टार्टअप के लिए लागू नहीं होगा। राजस्व सचिव ने आश्वासन दिया है कि यह बदलाव लागू होगा। इस संबंध में निर्देश जल्द जारी किया जाएगा।'
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 23 नवंबर तक 14,036 कंपनियां 'स्टार्टअप' के तौर पर पंजीकृत थीं। एक अन्य सूत्र ने कहा कि सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि फिलहाल कोई नया नोटिस जारी नहीं किया जाएगा और मौजूदा मामलों से निपटने के लिए नई व्यवस्था अमल में लाई जाएगी। पिछले सप्ताह केंद्र ने उस समय सख्ती दिखाई जब स्टार्टअप और उद्यमियों ने ऐंजल कर को लेकर आयकर विभाग द्वारा दबाव बनाने के मामलों को सोशल मीडिया में उजागर किया। पिछले कुछ महीनों में, स्टार्टअप को आयकर विभाग द्वारा कई नोटिस भेजे गए जिनमें उनसे अत्यधिक मूल्यांकन पर कर चुकाने को कहा गया।
प्रौद्योगिकी दिग्गज और उद्यम पूंजीपति मोहनदास पई ने अपने ट्वीट में ऐंजल कर से स्टार्टअप पर पडऩे वाले प्रभाव का जिक्र किया और इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। इसके जवाब में वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने टï्वीट में कहा, 'हमने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है।'
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