►5/20 नियम में संशोधन की सीबीआई जांच के आलोक में उठाया गया कदम
►नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद हैं समिति में शामिल
►सभी पहलुओं की जांच-परख के बाद ही दी जाएगी अनुमति
►विस्तारा की विदेशी उड़ान में हो सकती है देरी
केंद्र सरकार ने कैबिनेट स्तर के तीन मंत्रियों की एक अंतर-मंत्रालय समिति का गठन किया है जो विस्तारा के अंतरराष्ट्रीय उड़ान प्रस्ताव को मंजूरी देने के बारे में निर्णय करेगी। विमानन कंपनी को अंतरराष्ट्रीय उड़ान परमिट की मंजूरी के लिए पहली बार इस तरह की समिति का गठन किया गया है।
विमानन नियम, 1937 के अनुसार अंतरराष्ट्रीय परिचालन के लिए परमिट प्रदान करने का निर्णायक प्राधिकरण विमानन नियामक डीजीसीए है। सरकार के कई अधिकारियों ने कहा कि मंत्रालय स्तरीय समिति गठित करने का अप्रत्याशित निर्णय इस वजह से लिया गया है ताकि बाद में किसी तरह की जांच एजेंसियों के दायरे में न आए। इस प्रक्रिया में शामिल एक शख्स ने कहा, 'अफसरों के बीच जोखिम नहीं लेने की भावना बढ़ी है, इसलिए वे संयुक्त समिति द्वारा निर्णय लेने की जरूरत बता रहे हैं ताकि आगे उनके निर्णय पर सवाल नहीं उठे।'
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एयर एशिया इंडिया के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय उड़ान परमिट के लिए सरकार के पास लॉबीइंग करने के मामले की जांच शुरू की है। जांच के दौरान सीबीआई वर्तमान सरकार के 5/20 नियम (परिचालन के 5 साल और 20 विमानों का बेड़ा) में संशोधन के निर्णय की भी जांच कर रही है। संशोधन के तहत 5/20 नियम में पांच साल की शर्त को हटा दिया गया है और 20 से अधिक विमानों के बेड़े वाली विमानन कंपनियों को विदेशी उड़ान की अनुमति दी गई है। हालांकि उसे 20 फीसदी विमानों का परिचालन घरेलू मार्गों पर करना होगा। विस्तारा ने जनवरी 2015 में अपना परिचालन शुरू किया था और इस नियम के संशोधन का पहला लाभार्थी यह कंपनी हो सकती है क्योंकि उसके पास 22 विमान हैं।
सूत्रों ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद वाली मंत्रालय स्तरीय समिति इस पर निर्णय करेगी कि सीबीआई जांच के आलोक में विस्तारा को मंजूरी देना कानूनी रूप से उचित होगा या नहीं। एयर एशिया इंडिया और विस्तारा दोनों में टाटा समूह की हिस्सेदारी है। नागरिक उड्डयन सचिव राजीव नयन चौबे ने भी समिति गठित करने की पुष्टि की और इसके पीछे तर्क दिया कि सभी नियमों को सुनिश्चित करने के लिए यह कदम जरूरी था।
नागरिक उड्डयन सचिव ने कहा कि डीजीसीए को ऐसी अनुमति देने का अधिकार है लेकिन हम अन्य मंत्रालयों से सलाह-मशविरा कर सभी नियमों का पालन करना सुनिश्चित करना चाहते हैं। मंत्रालय स्तरीय निर्णय में समय लग सकता है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय उड़ान को मंजूरी देने में देरी हो सकती है जिसका असर विस्तारा की कारोबारी योजना पर पड़ेगा। विस्तारा प्रीमियम सेवा प्रदान करने वाली विमानन कंपनी है और घरेलू परिचालन में सस्ती विमान सेवा देने वाली कंपनियों से कड़ी टक्कर के कारण पिछले तीन साल से उसे लगातार घाटा हो रहा है।
कंपनी महंगे किराये वाले अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ान भरने की संभावना तलाश रही है। विस्तारा ने बैंकॉक, फुकेट, कोलंबो और माले के लिए उड़ान की अनुमति की खातिर इस साल जून में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास अंतरराष्ट्रीय परमिट के लिए आवेदन किया था। विस्तारा के मुख्य कार्याधिकारी लेसली थुंग ने इस साल जनवरी में कहा था, 'हम इस साल की दूसरी छमाही तक अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू कर देंगे।' अनुमति में देरी को लेकर अदालत जाने के सवाल पर विस्तारा के प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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