कोछड़ से जवाब मांग रही जांच समिति | श्रीमी चौधरी / मुंबई December 23, 2018 | | | | |
सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से गठित समिति जांच का काम पूरा करने के करीब है। समिति 32.5 अरब रुपये के आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन कर्ज मामले में बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक व सीईओ चंदा कोछड़ के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही है। अब तक के जांच नतीजे के आधार पर समिति ने चंदा कोछड़, आईसीआईसीआई बैंक और अन्य संबद्ध इकाइयों से जवाब मांगा है। समिति जल्द ही जांच पूरी कर सकती है और जनवरी के तीसरे हफ्ते में रिपोर्ट सौंपेगी।
सूत्रों के मुताबिक, श्रीकृष्ण समिति ने इस महीने प्रश्नावली भेजकर कुछ नतीजों पर उनके जवाब मांगे हैं। अन्य इकाइयोंं से भी ऐसा ही जवाब मांगा गया है, साथ ही वीडियोकॉन समूह को दिए गए कर्ज से जुड़े कुछ निश्चित जानकारी भी मांगी है। माना जा रहा है कि समिति ने कोछड़ परिवार और वीडियोकॉन समूह के बीच हुए हर वित्तीय लेनदेने की जांच कर ली है और उन परिसंपत्तियों पर भी नजर डाली है जो कोछड़ परिवार ने उनके बैंक के प्रबंध निदेशक बनने के बाद अधिग्रहीत की है। साथ ही समिति ने वीडियोकॉन और अन्य कॉरपोरेट घरानों के बीच बैंकिंग संबंध पर भी नजर डाली है और देखा है कि क्या उन्हें किसी तरह की रियायत तो नहीं दी गई।
सूत्रों ने कहा कि समिति ने क्रेडिट कमेटी की भूमिका का भी अध्ययन किया है, जिसने वीडियोकॉन समूह को कर्ज का आवंटन किया। रिकॉर्ड के मुताबिक, आईसीआईसीआई बैंक की क्रेडिट कमेटी ने साल 2012 में वीडियोकॉन समूह को सुविधाओं को साझा करने की मंजूरी दी थी। चेयरमैन के वी कामत की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय कमेटी ने यह किया था। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक ने 20 बैंकों के कंसोर्टियम में 32.5 अरब रुपये का कर्ज वीडियोकॉन के लिए मंजूर किया था। कुल कर्ज 400 अरब रुपये का दिया गया था।
न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, कई आरोपों की जांच अंतिम चरण में है। मुझे उम्मीद है कि जनवरी के तीसरे हफ्ते में रिपोर्ट आ जाएगी। समिति ने हर पहलू पर नजर डाला है जिसमें इस मामले में उसे मिले अब तक के जवाब शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो लिखित जवाब के बाद समिति विभिन्न पक्षकारों को व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए भी कहेगा। सूत्र ने कहा, जांच रिपोर्ट विस्तृत होगी, जिसमें सभी डिजिटल रिकॉर्ड मसलन 2009 से अब तक का ईमेल होगा। निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए समिति ने फॉरेसिंक ऑडिट, ईमेल आदि पर विचार किया। साथ ही आरबीआई की साल 2016 की जांच पर भी नजर डाली, जो आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन से जुड़ा था।
आईसीआईसीआई बैंक ने इस संबंध में बिजनेस स्टैंडर्ड के ईमेल का जवाब नहीं दिया जबकि कोछड़ से भी इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं मिली। सूत्रों ने कहा कि श्रीकृष्ण समिति ने न्यूपावर रीन्युएबल्स में निवेश की स्वतंत्र जांच की है। समिति ने इस कथित गठजोड़ के मामले में विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच पर भी नजर डाली है। श्रीकृष्ण समिति की रिपोर्ट चंदा कोछड़ व आईसीआईसीआई बैंक के लिए अहम होगी, जो पहले से ही सेबी व सीबीआई की जांच का सामना कर रहे हैं।
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