जीएसके-फाइजर सौदे का भारतीय व्यवसाय पर असर नहीं | सोहिनी दास / मुंबई December 19, 2018 | | | | |
ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन पीएलसी (जीएसके) और फाइजर इंक. द्वारा अपने उपभोक्ता व्यवसायों को मिलाने के लिए किए गए वैश्विक समझौते का भारतीय इकाइयों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि यहां बेचे गए प्रमुख ब्रांड वैश्विक सौदे का हिस्सा नहीं हैं। जीएसके कंज्यूमर हेल्थकेयर और फाइजर दोनों कंपनियां यहां सूचीबद्घ हैं। भारत में जीएसके दो इकाइयों - जीएसके फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड और जीएसके कंज्यूमर हेल्थकेयर लिमिटेड के जरिये परिचालन करती है। हाल में जीएसके कंज्यूमर ने अपना माल्टेड ड्रिंक ब्रांड हॉर्लिक्स (बूस्ट, माल्टोवा आदि जेसे अन्य न्यूट्रीशन बेवरेज समेत) हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) को बेचा है। इसके साथ ही उसने अपने अन्य उपभोक्ता उत्पादों के वितरण अधिकार भी अगले पांच साल के लिए एचयूएल को दे दिए हैं।
जीएसके कंज्यूमर का शेयर बुधवार को बीएसई पर 7,803 रुपये के भाव पर बंद हुआ जो 0.21 प्रतिशत की गिरावट है, जबकि फाइजर का शेयर 0.7 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 2,878 रुपये पर बंद हुआ। जीएसके के अधिकारियों ने दावा किया कि वैश्विक सौदे का जीएसके के भारतीय व्यवसाय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। यहां दवा इकाई (जीएसके फार्मास्युटिकल्स) आयोडेक्स और ओस्टोकैल्शियम जैसे उत्पादों की मालिक है और इनका निर्माण करती है और फिर जीएसके कंज्यूमर इनकी बिक्री करती है। हालांकि अब इनकी बिक्री एचयूएल द्वारा की जाती है। फाइजर इंक की भारतीय इकाई फाइजर लिमिटेड ने भी स्पष्ट किया है कि प्रमुख कंज्यूमर हेल्थकेयर ब्रांड उसके अपने हैं और भारत में बेचे जाते हैं तथा वे इस सौदे का हिस्सा नहीं हैं। फाइजर के एक अधिकारी ने कहा, 'यह स्पष्ट करना जरूरी है कि इस संयुक्त उपक्रम कंपनी का पोर्टफोलियो फाइजर लिमिटेड के ब्रांडों कॉरेक्स, जेलुसिल और बीकोसूल्स को शामिल नहीं करेगा। ये ब्रांड भारत में आगे भी फाइजर द्वारा बेचे जाएंगे।'
सेंट्रम ब्रोकिंग के विश्लेषक रंजीत कपाडिया ने कहा कि सौदे में शामिल वैश्विक ब्रांड हैं निकोरेट्टे (एंटी-निकोटिन एडिक्शन गम), एक्सेड्रिन (सिर दर्द में राहत पहुंचाने वाली दवा) और जीएसके से टम्स (एंटासिड), जबकि फाइजर के कई ब्रांडों को इस संयुक्त उपक्रम के दायरे में लाया जाएगा। फाइजर के ब्रांडों में सेंट्रम , सैल्ट्रेट (कैल्शियम और विटामिन डी), एडविल (आईबूप्रोफेन), सेलेब्रेक्स (अर्थराइटिस की दवा), बेक्सट्रा (जोड़ों के दर्द की दवा) शामिल हैं। बुधवार को जीएसके और फाइजर ने घोषणा की कि 12.7 अरब डॉलर की बिक्री के साथ वे अपने कंज्यूमर हेल्थ व्यवसायों को संयुक्त उपक्रम में शामिल करेंगी जिसमें जीएसके का स्वामित्व 68 प्रतिशत होगा।
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