साढ़े चार साल में की 35 लाख नौकरियों की कटौती : सर्वे | टीई नरसिम्हन और गिरीश बाबू / चेन्नई December 16, 2018 | | | | |
आल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स ऑर्गेनाइजेशन (एआईएमओ) के एक सर्वे के मुताबिक पिछले साढ़े चार साल में कारोबारियों व सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों ने 35 लाख कर्मचारी घटाए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में ज्यादा मूल्य वाले नोटों को चलन से बाहर किए जाने और 2017 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किया जाना छंटनी की मुख्य वजह है। नौकरियां जाने की एक और वजह ई-कॉमर्स का विस्तार है, जिसने इन कारोबारों पर असर डाला है। सर्वे के मुताबिक इनमें से ट्रेडर सेग्मेंट में 43 प्रतिशत, सूक्ष्म उद्यमों में 32 प्रतिशत, छोटे प्रतिष्ठानों में 35 प्रतिशत और मझोले कारोबार में 24 प्रतिशत नौकरियां गई हैं।
सर्वे में यह भी कहा गया है कि मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया का लाभ इन क्षेत्रों को ज्यादा नहीं हुआ है। मझोले उद्योगों को डिजिटल इंडिया का लाभ हुआ है। इस सर्वे में हिस्सा लेने वालों ने ऑनलाइन लेन देन में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और पारदर्शिता बढ़ाने का श्रेय सरकार को दिया है। इस सर्वे में देश के करीब 34,000 ट्रेडर्स और एमएसएमई ने हिस्सा लिया। स्वरोजगार वाली श्रेणी में इस अवधि के दौरान सबसे ज्यादा बुरा असर कपड़े की सिलाई करने वालोंं, मोचियों, बाल काटने वालों, प्लंबरों, मकान बनाने वाले मिस्त्रियों और बिजली का काम करने वालों पर पड़ा है। ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा बहुत ज्यादा छूट की पेशकश करने से तमाम कारोबारियों को दुकान बंद करनी पड़ी है। इससे मध्य आय वाले परिवारों की किराये से आने वाली आमदनी घटी है।
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