►सात दिनों की समय-सीमा 10 दिसंबर को खत्म हो गई लेकिन विभाग ने अब तक एनओसी जारी नहीं किया
►यदि आवश्यक मंजूरियां मध्य दिसंबर तक नहीं दी गईं तो आरजियो के साथ उसका परिसंपत्ति बिक्री सौदा अटक सकता है
अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने आज सर्वोच्च न्यायालय में दूरसंचार विभाग के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की। कंपनी का कहना है कि दूरसंचार विभाग ने उसे अपना स्पेक्ट्रम रिलायंस जियो इन्फोकॉम को बेचने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं दिया है जबकि शीर्ष न्यायालय ने 7 दिनों के भीतर एनओसी जारी करने का निर्देश दिया था। आरकॉम की याचिका पर सुनवाई गुरुवार को होगी।
सर्वोच्च न्यायालय ने 30 नवंबर को रिलायंस कम्युनिकेशंस को दो दिनों के भीतर 14 अरब रुपये की कॉरपोरेट गारंटी जमा कराने के लिए कहा था। उसके 7 दिनों के भीतर दूरसंचार विभाग को आरकॉम-आरजियो स्पेक्ट्रम बिक्री सौदे के लिए एनओसी जारी करने का निर्देश दिया गया था। सात दिनों की वह समय-सीमा 10 दिसंबर को खत्म हो गई लेकिन विभाग ने अब तक इस सौदे के लिए एनओसी जारी नहीं किया है।
न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा के दो सदस्यीय पीठ ने 30 नवंबर को आरकॉम को 14 अरब रुपये की कॉरपोरेट गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया था। इससे पहले कंपनी ने बैंक गारंटी जमा कराने में बार-बार अपनी असमर्थता जताई थी क्योंकि कंपनी ऋण शोधन प्रक्रिया से गुजर रही थी। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने यह भी कहा था यदि आवश्यक मंजूरियां मध्य दिसंबर तक नहीं दी गईं तो आरजियो के साथ उसका परिसंपत्ति बिक्री सौदा अटक सकता है। ऐसे में उसकी ऋण पुनर्भुगतान योजना पर दबाव कहीं अधिक बढ़ जाएगा।
आरकॉम अपना ऋण बोझ घटाने के प्रयासों के तहत दिसंबर 2017 में अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो के साथ 250 अरब रुपये के एक सौदे पर हस्ताक्षर किया था। इस सौदे में विभिन्न बैंकों के पास गिरवी रखी गई परिसंपत्तियों की बिक्री भी शामिल है ताकि दिवालिया प्रक्रिया से बचा जा सके। कंपनी आरजियो को अपनी वायरलेस परिसंपत्तियां और कनाडा की ब्रुकफील्ड को रियल एस्टेट परिसंपत्ति बेचकर 180 अरब रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही है। इस रकम से कंपनी अपना 460 अरब रुपये के ऋण बोझ को हल्का करेगी।