यूपी में आलू की नई आवक का भंडारण संकट | बीएस संवाददाता / लखनऊ December 05, 2018 | | | | |
उत्तर प्रदेश में आलू के संकट के बीच भंडारण की समस्या भी खड़ी हो गई है। बाजार में भाव गिरने के साथ ही कोल्ड स्टोरों से किसानों से लेकर आढ़तियों तक ने आलू की निकासी को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं। एक अनुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कोल्ट स्टोरों में इस समय तीन लाख टन पुराना आलू का स्टॉक है। कोल्ट स्टोरों में जगह नहीं होने से किसानों को नए आलू रखने की समस्या हो रही है। दूसरी तरफ थोक मंडियों में न तो नए आलू की ठीक कीमत मिल रही है न ही पुराना आलू सही भाव बिक रहा है। इस समय थोक मंडी में नया और पुराना दोनों आलू करीब-करीब एक ही कीमत पर बिक रहा है। नए आलू 3 से 5 रुपये प्रति किलो और पुराना आलू तीन रुपये किलो के भाव बिक रहा है।
गौरतलब है कि अक्टूबर में पुराना आलू थोक बाजार में 8 से 12 रुपये किलो बिक रहा था। अच्छी कीमत की आस में नवंबर में कोल्ड स्टोरों से आलू की निकासी पिछले साल जितनी नहीं हुई। नवंबर के तीसरे सप्ताह से बाजार में फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, हाथरस, एटा और आगरा की अगैती फसल के आते ही भाव गिरने शुरू हुए जिसके बाद कोल्ड स्टोरों से पुराने आलू की निकासी बंद हो गई। आलू के थोक कारोबारी सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि कोल्ड स्टोरों के मालिक अब किसानों से लेकर आढ़तियों पर माल की निकासी का दबाव बना रहे हैं। दूसरी ओर आलू की कीमत के चलते निकासी की हालात में किसानों व आढ़तियों को घाटा उठाना पड़ेगा। उनका कहना है कि कोल्ड स्टोरों का किराया 210 से 250 रुपये प्रति क्विंटल देना पड़ता है जबकि ढुलाई वगैरा मिलाकर बाजार में उतनी कीमत मिलना मुश्किल है। उधर कोल्ड स्टोरों में जगह नहीं होने के चलते नया आलू रखने की भी जगह की दिक्कत है।
कोल्ड स्टोर मालिकों का कहना है कि प्रदेश सरकार इस समस्या से निपटने के लिए इस बार आलू की सरकारी खरीद समय से पहले शुरू करे। आलू किसान हरिशंकर का कहना है कि इस बार कोल्ड स्टोरों में भंडारण की दिक्कत के चलते नए आलू की फसल सीधे बाजार में ही आ रही है जिसकी उचित कीमत नहीं मिल पा रही है।
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