जिंस 'विकल्प' 66 फीसदी घटा | दिलीप कुमार झा / मुंबई November 29, 2018 | | | | |
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और नैशनल कमोडिटीज ऐंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) ने पिछले दो महीनों के दौरान 'विकल्प' कारोबार में करीब 66 फीसदी गिरावट दर्ज की है। इसकी वजह तरलता संवर्धन योजना (एलईएस) को बंद करना, जिंसों की कीमतों में स्थिरता आना और सुनिश्चित प्रतिफल के लिए कारोबारियों का शेयर बाजारों की तरफ रुख करना हैं। दोनों एक्सचेंजों ने कुछ समय पहले ही 'विकल्प' कारोबार शुरू किया था।
एमसीएक्स का सितंबर, 2018 में 465.61 अरब रुपये का 'विकल्प' कारोबार किया था। यह घटकर अक्टूबर में 156.45 अरब रुपये और नवंबर में 76.36 अरब रुपये पर आ गया। इस तरह विकल्प कारोबार सितंबर की तुलना में करीब 85 फीसदी घट गया है। एमसीएक्स देश का सबसे बड़ा जिंस डेरिवेटिव एक्सचेंज है, जिसकी करीब 90 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है।
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को जारी अपने नवंबर के बुलेटिन में कहा, 'सभी विकल्प अनुबंधों का कारोबार 66.4 फीसदी घटा है। यह सितंबर, 2018 में 466.24 अरब रुपये था, जो अक्टूबर में 156.45 अरब रुपये पर आ गया। इसकी मुख्य वजह अक्टूबर में सराफा 'विकल्पों' में गिरावट रही।'
एमसीएक्स सोने, चांदी, कच्चा तेल और तांबे सहित बहुत सी गैर-कृषि जिंसों में 'विकल्प' कारोबार की सेवाएं देता है। एमसीएक्स के अलावा एनसीडीईएक्स ग्वार में 'विकल्प' की पेशकश करता है। ग्वार का विकल्प शुरू हुए करीब एक साल हो गया है, लेकिन इसमें कारोबार कमजोर बना हुआ है। हालांकि एमसीएक्स पर कच्चे तेल के विकल्प अनुबंधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
आनंद राठी शेयर्स ऐंड स्टॉकब्रोकर्स के निदेशक नवीन माथुर ने कहा, 'एमसीएक्स पर 'विकल्प' कारोबार में गिरावट की वजह सोने में कम उतार-चढ़ाव, कच्चे तेल की तुलना में सोने के अनुबंधों का बड़ा आकार और तरलता संवर्धन योजना को बंद करना हो
सकते हैं।'
सोने के 'विकल्प' अनुबंध का औसत लॉट करीब 30 लाख रुपये का है, जबकि कच्चे तेल का औसत लॉट करीब 5 लाख रुपये का है। इस वजह से पिछले कुछ महीनों के दौरान कच्चे तेल के 'विकल्प' में कारोबारियों की तगड़ी रुचि देखने को मिली है। सभी 'विकल्प' अनुबंधों में रोजाना करीब 4.5 अरब रुपये का कारोबार होता है, जिसमें कच्चे तेल का 50 फीसदी से अधिक योगदान है।
रोचक बात यह है कि एमसीएक्स का कुल कारोबार (वायदा एवं विकल्प) अक्टूबर में 5.3 फीसदी बढ़कर 6,259.61 अरब रुपये पर पहुंच गया। यह सितंबर, 2018 के कारोबार 5,941.84 अरब रुपये से अधिक है। एक्सचेंज के कुल कारोबार में विकल्प अनुबंधों का योगदान 2.5 फीसदी रहा।
एमसीएक्स ने सेबी की मंजूरी मिलने के बाद अक्टूबर, 2017 में सोने में 'विकल्प' लेनदेन शुरू किया था। जिंस डेरिवेटिव कारोबारी प्लेटफॉर्म पर एक नया उत्पाद होने के चलते विकल्पों को शुरुआत में कारोबारियों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली। ब्रोकरों के लिए तरलता संवर्धन योजना शुरू किए जाने से सितंबर, 2018 में विकल्प अनुबंधों में कारोबार बढ़कर 465.61 अरब रुपये पर पहुंच गया। 'विकल्प' अनुबंधों के कारोबार में गिरावट की वजह जानने के लिए एमसीएक्स को एक ईमेल भेजा गया, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला।
रेलिगेयर सिक्योरिटीज के अध्यक्ष जयंत मांगलिक ने कहा, 'यह एक नई श्रेणी है, जिसमें जागरूकता और अवसरों में बढ़ोतरी के साथ इजाफा होगा। आगे 'विकल्प' खंड में लगातार और स्थायी बढ़ोतरी होगी।' विशेषज्ञों का कहना है कि इस खंड में नए भागीदार लाने के लिए जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
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