भारतीय स्टेट बैंक ने आज देश की पहली करेंसी एडमिनिस्ट्रेशन शाखा लखनऊ में खोली है। इसे कैश फैक्ट्री नाम दिया गया है जबकि बैंक अपनी दूसरी कैश फैक्ट्री अगले माह कानपुर और वाराणसी में खोलेगा। यह कैश फैक्ट्री अपनी तरह की एक अनूठी पहल है जिसमें करेंसी नोटों से संबंधित समस्त कार्य एक केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत एक ही स्थान पर होंगे। यह पहला अवसर है जब करेंसी नोटों के रख रखाव हेतु स्टेट बैंक ने एक विशेष शाखा खोली है इस शाखा में भारतीय रिजर्व बैंक की करेंसी चेस्ट समाहित है। इस बाबत बैंक के मुख्य महाप्रबंध शिव कुमार ने बताया कि लखनऊ में आज से खुली इस कैश फैक्ट्री नाम के इस कैश करेंसी एडमिनिस्ट्रेटिव ब्रांच करेंसी चेस्ट को अत्याधुनिक विदेशी मशीनों से सुसज्जित किया जा रहा है। इसमें नकली नोटों की शीघ्र पहचान करने वाली मशीने तो लगाई जा ही रही है साथ ही ग्राहकों को गंदे और खराब नोट न मिलें इसके लिए भी विशेष व्यवस्था की जा रही है। जिस शहर में कैश फैक्ट्री नाम के यह सेन्ट्रलाइज्ड करेंसी चेस्ट खोले जाएंगे वहां रिजर्व बैंक की इजाजत लेकर सभी अन्य करेंसी चेस्ट बंद कर दिए जाऐंगे। स्टेट बैंक के सीजीएम कुमार ने बताया कि इस समय उत्तर प्रदेश में स्टेट बैंक के 300 करेंसी चेस्ट है जिसमें से अकेले लखनऊ में 12 करेंसी चेस्ट तथा कानपुर में 27 करेंसी चेस्ट हैं। उन्होंने कहा कि यह करेंसी चेस्ट रिजर्व बैंक की देखरेख में चलते है ।
