एक्मे सोलर के सामने नकदी संकट | |
श्रेया जय / नई दिल्ली 11 20, 2018 | | | | |
कंपनी के पास प्रवर्तकों के अलावा धन जुटाने का विकल्प नहीं
एक्मे सोलर नकदी की किल्लत झेल रही है, जिसकी सबसे अधिक सौर ऊर्जा परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। गुडग़ांव की इस कंपनी ने पिछले दो वर्षों के दौरान 2.5 गीगावाट क्षमता के लिए रिकॉर्ड न्यूनतम बोली लगाई थी। कंपनी ने इस साल की शुरुआत में आईपीओ लाने की योजना टाल दी थी। बिज़नेस स्टैंडर्ड को जो वित्तीय दस्तावेज मिले हैं, उनसे पता चलता है कि कंपनी के पास प्रवर्तकों के अलावा धन जुटाने का अन्य कोई विकल्प नहीं है। साथ ही, इस पर भारी कर्ज भी है। इसके अलावा मुख्य और सहायक कंपनियों को घाटा हो रहा है।
बाजार के सूत्रों ने कहा कि आईपीओ की योजना को टाल दिया गया है। ऐसे में कंपनी के पास ऋण चुकाने के लिए कोई वित्तीय व्यवस्था नहीं है। एक्मे के दीर्घावधि ऋण मार्च, 2017 में 20 अरब रुपये थे, जो इससे एक साल पहले शून्य थे। इस अवधि में कंपनी का अल्पावधि कर्ज भी 2.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 6 अरब रुपये पर पहुंच गया है। एक्मे सोलर होल्डिंग्स को वित्त वर्ष 2017 में 7 अरब रुपये का लाभ हुआ था, जबकि कंपनी ने वित्त वर्ष 2016 में 24 अरब रुपये का घाटा दर्ज किया था।
इस बारे में कंपनी की प्रतिक्रिया जानने के लिए उसके प्रवक्ता को सवालों की सूची भेजी गई, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला। पहले इस समाचार-पत्र के साथ बातचीत के दौरान एक्मे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि कंपनी की योजनाओं को प्रवर्तकों के धन से परवान चढ़ाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि कंपनी ने आईपीओ की योजना के कारण चालू वित्त वर्ष में बाहरी उधारियों के लिए भी कोई करार नहीं किया। हालांकि यह इनविट सहित कई विकल्पों पर विचार कर रही है।
एक्मे सोलर होल्डिंग्स एक्मे क्लीनटेक के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। वहीं एक्मे क्लीनटेक के प्रवर्तक मनोज उपाध्याय तथा उनकी पत्नी ममता उपाध्याय और एमकेयू होल्डिंग्स हैं। कंपनी के वित्तीय ब्योरों के मुताबिक एक्मे क्लीनटेक में एमकेयू की 75 फीसदी हिस्सेदारी है और इसे पिछले तीन साल से घाटा हो रहा है।
एक्मे की सभी होल्डिंग कंपनियों- एमकेयू होल्डिंग्स, सनवल्र्ड इनोवेशंस, योगेश पावर, माहीसागर पावर, बनोला पावर और मूलचंद को घाटा हो रहा है। इनमें से मूलचंंद और सनवल्र्ड इनोवेशंस का नेटवर्थ ऋणात्मक है। इसका पता उनके पिछले तीन साल के उपलब्ध वित्तीय ब्योरों से चलता है। एक्मे सोलर पर कुल 9.8 अरब रुपये का कर्ज है, जिसे उसने आईपीओ से धन जुटाकर चुकाने की योजना बनाई थी। लेकिन अब आईपीओ को टाल दिया गया है। कुल कर्ज में से 4.4 अरब रुपये का ऋण पिरामल फाइनैंस लिमिटेड का है।
एक्मे ने आईपीओ से पहले अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्ट्स में कहा था, 'हमारी कंपनी कुल बकाया राशि 4.36 अरब रुपये का भुगतान निर्गम से प्राप्त होने वाली राशि से करेगी।' एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी की वित्तीय स्थिति क्षेत्र में दबाव का संकेत है।
इस साल की शुरुआत में एक्मे ने आंतरिक जमाओं से अपनी परियोजनाओं में पैसा लगाने का फैसला किया था। कंपनी ने लागत घटाने के लिए बहुत से कर्मचारियों की छंटनी भी की थी। इस समाचार-पत्र को विभिन्न स्रोतों से पता चला है कि कंपनी ने इंजीनियरिंग स्तर पर करीब 100 कर्मचारियों और कार्याधिकारी स्तर पर एक दर्जन लोगों को नौकरी से निकाला था।
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