वित्त सचिव हसमुख अढिय़ा और व्यय सचिव अजय नारायण झा की सेवानिवृत्ति की तिथि तय है। इसका मतलब यह है कि इस बार बजट पेश करने के पहले बजट वाला थैला थामे वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ खड़ा दल अलग होगा, जिसकी फोटो 1 फरवरी को खींची जानी है।
अढिय़ा 30 नवंबर को पद खाली कर देंगे और इस समय वित्त मंत्रालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ नौकरशाह झा जेटली द्वारा 2019-20 के अंतरिम बजट पेश करने के एक दिन पहले 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। अजय भूषण पांडेय इस समय भारतीय विशेष पहचान प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, वह अगले राजस्व सचिव होंगे।
व्यय विभाग में इस समय विशेष सचिव पद पर तैनात गिरीश चंद्र मुर्मू अब व्यय विभाग में ऑफिसर आन स्पेशल ड्यूटी होंगे और 1 फरवरी से व्यय सचिव का कार्यभार संभालेंगे। जब ऐसा होगा तो आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग पांच वित्त मंत्रालय के सचिवों में सबसे वरिष्ठ होंगे और वह परंपरा के मुताबिक वित्त सचिव हो सकते हैं।
एक दिसंबर से 31 जनवरी तक झा को वित्त सचिव का कार्यभार दिया जा सकता है। जेटली ने शनिवार को लिखे ब्लॉग में अढिय़ा के जाने की सूचना दी थी। 1981 बैच के गुजरात कैडर के अधिकारी की प्रशंसा करते हुए जेटली ने कहा था कि उन्होंने निर्विवाद सत्यनिष्ठा के साथ काम किया।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अढिय़ा की क्षमता और अनुभव का इस्तेमाल करना चाहती है, लेकिन अढिय़ा 30 नवंबर के बाद एक दिन भी काम करने को इच्छुक नहीं हैं।
झा 1982 बैच के मणिपुर कैडर के, गर्ग 1983 बैच के राजस्थान कैडर के, अजय पांडेय 1984 बैच के महाराष्ट्र कैडर के और मुर्मू 1985 बैच के गुजरात कैडर के अधिकारी हैं। अन्य दो वित्त मंत्रालय के सचिवों में वित्तीय सेवाओंं के सचिव राजीव कुमार 1984 बैच के झारखंड कैडर के अधिकारी और निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन (दीपम) के सचिव अतनु चक्रवर्ती 1985 बैच के गुजरात कैडर के अधिकारी हैं।
यह सरकार की स्वीकार्य प्रक्रिया है कि अगर वित्त मंत्रालय के सचिवोंं की अंतिम दिन की सेवाएं बजट के आसपास आती हैं तो सचिवोंं का कार्यकाल बढ़ा दिया जाता है। उदाहरण के लिए पूर्व आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास फरवरी 2017 में सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन उनका कार्यकाल बढ़ाकर मई कर दिया गया, जिसे वह बजट प्रक्रिया में शामिल रह सकें, जिसमें वित्त विधेयक पारित कराया जाना भी शामिल होता है।
ऐसे में यह थोड़ा अस्वाभाविक है कि झा की सेवानिवृत्ति तिथि है और उनके उत्तराधिकारी की घोषणआ करीब ढाई महीने पहले हो गई है और बजट के बाद के काम में मदद के लिए उनके कार्यकाल का विस्तार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद 27 अगस्त से खाली पड़ा है, जब अरविंद सुब्रमण्यम ने अपना बढ़ा कार्यकाल कम करके अपने पठन पाठन की दुनिया में अमेरिका वापस जाने का फैसला किया था।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर विमल जालान की अध्यक्षता में तलाश समिति बनाई गई है, जिन्होंने कई दौर के साक्षात्कार के बाद कुछ संभावित लोगों के नाम छांटे हैं। आने वाले दिनों में संख्या कम करने के लिए कुछ और साक्षात्कार होंगे।
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