ओटीटी कारोबार में हिस्सा बेचेगी ज़ी | |
सुरजीत दास गुप्ता / नई दिल्ली 11 19, 2018 | | | | |
► ज़ी एंटरटेनमेंट के निवेशक को ही ज़ी 5 का हिस्सा बेचने की इच्छुक
► जियो को टक्कर देने के लिए गेमिंग और म्यूजिक चैनल भी लाएगी ज़ी एंटरटेनमेंट
ज़ी एंटरटेनमेंट अपने ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मनोरंजन स्ट्रीमिंग चैनल ज़ी 5 को एक अलग कर सहायक इकाई बना सकती है। इसके बाद वह इस इकाई का करीब 20 फीसदी हिस्सेदारी वैश्विक रणनीतिक निवेशक को सीधे बेच सकती है। सूत्रों ने कहा कि समूह में इस पर प्रारंभिक स्तर पर चर्चा चल रही है।
निवेशक को ज़ी एंटरटेनमेंट में भी 20.8 फीसदी हिस्सेदारी या प्रवर्तक की कंपनी में आधी हिस्सेदारी की पेशकश की जा सकती है। कंपनी ने पिछले हफ्ते इसकी घोषणा भी की थी। इस कदम के पीछे तर्क यह है कि संभावित निवेशक प्रस्तावित ज़ी 5 इकाई में सीधे या ज़ी एंटरटेनमेंट के माध्यम से प्रभावी तौर पर ओटीटी कारोबार में 25 फीसदी से अधिक हिस्सा ले सकें। इससे निवेशकों को साझेदार बनने में भी सहूलियत होगी।
ज़ी की टीवी एवं फिल्म निर्माण तथा कंटेंट इकाई एस्सेल विजन प्रोडक्शंस भी रणनीतिक निवेशक के लिए आकर्षक निवेश का अवसर हो सकता है। ज़ी एंटरटेनमेंट और ज़ी 5 दोनों में वैश्विक कंपनी की हिस्सेदारी होने से निवेशक की इसके मुख्य कारोबार के परिचालन में अहम भूमिका होगी। यह रणनीति ज़ी के प्रवर्तक के लिए भी मुफीद है, जो ज़ी एंटरटेनमेंट के प्रबंधन पर अपना नियंत्रण बनाए रख सकते हैं। हालांकि प्रवर्तक यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मुख्य कंपनी और सहायक इकाई दोनों में एक ही निवेश हों, ताकि किसी तरह के हितों का टकराव न हो। ज़ी के प्रवक्ता ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
ज़ी ने ओटीटी क्षेत्र में रिलायंस जियो को टक्कर देने के लिए पहले से ही आक्रामक रणनीति बनाई हुई है और ग्राहकों को लुभाने के लिए चैनलों का बुके बनाने की संभावना तलाश रही है। सूत्रों के अनुसार कंपनी ओटीटी गेमिंग प्लेटफॉर्म लाने की योजना बना रही है। इसके साथ ही कंपनी तीसरा म्यूजिक चैनल भी लाने की तैयारी कर रही है।
जियो ओटीटी चैनलों का बुके तैयार कर रही है जिसमें उसके अपने चैनल (जियो टीवी और जियो सिनेमा) या इरोस इंटरनैशनल, बालाजी टेलीफिल्म्स और वायकॉम 18 जैसी कंटेंट कंपनियों की सामग्री शामिल हैं। इन कंपनियों में भी जियो की हिस्सेदारी है और सभी का अपना ओटीटी चैनल है। इन चैनलों के 10 करोड़ से अधिक मासिक सक्रिय दर्शक हैं। दूसरी ओर इस क्षेत्र में हाल में दस्तक देने वाले ज़ी 5 ने 5 करोड़ दर्शक हासिल कर सबको चकित कर दिया है। जियो टीवी लाइव के दर्शकों की संख्या 4 से 5 करोड़ के बीच है। ज़ी को वैश्विक रणनीतिक साझेदार की जरूरत इसलिए है क्योंकि कंपनी विदेशी बाजार में विस्तार करने की संभावना तलाश रही है। फिलहाल कंपनी का मुख्य ध्यान भारत और दक्षिण एशियाई बाजारों पर ही है। लेकिन अब कंपनी का लक्ष्य व्यापक दर्शक आधार तक पहुंचने की है।
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