शेयर बिक्री से 140 अरब रुपये जुटाएगी केंद्र सरकार | समी मोडक / मुंबई November 16, 2018 | | | | |
विनिवेश प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार 11 सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) की शेयर बिक्री के जरिए 140 अरब रुपये तक जुटाने की योजना बना रही है। यह विनिवेश सीपीएसई एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के संशोधित संस्करण के जरिए होगा, जिसे पहली बार मार्च 2014 में शुरू किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, रकम जुटाने का काम फॉलो-ऑन फंड ऑफर (एफएफओ) के जरिए होगा, जो इस महीने के आखिर में बाजार में पेश किया जाएगा। यह सीपीएसई ईटीएफ का चौथा और सबसे बड़ा चरण होगा, जिसे बाजार में उतारा जाएगा। ईटीएफ का प्रबंधन रिलायंस म्युचुअल फंड कर रही है। केंद्र सरकार ने गेल इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और इंजीनियर्स इंडिया को ईटीएफ से अलग कर दिया है। इसकी जगह एनटीपीसी, एनएलसी इंडिया और एसजेवीएन को इंडेक्स में शामिल किया गया है ताकि इसे और विशाखित किया जा सके। यह बदलाव फॉलो-ऑन फंड ऑफर (एफएफओ) से पहले हो रहा है। केंद्र सरकार और शेयरों को शामिल करने के लिए पोर्टफोलियो में सुधार कर सकती है। एक सूत्र ने यह जानकारी दी।
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए केंद्र सरकार एनएफओ में भाग लेने वाले निवेशकों को करीब 5 फीसदी छूट देने की योजना बना रही है। मोटे तौर पर छूट की पेशकश तीन दिन की एनएफओ अवधि में इंडेक्स में शामिल सभी प्रतिभूतियों की भारांकित औसत कीमत पर की जाती है। पिछले तीन मौके पर इसमें निवेशकों के बीच उत्साहजनक मांग रही है और इसके चलते सूचीबद्धता के दिन फायदा भी मिला है। कम प्रबंधन शुल्क के चलते ईटीएफ को ज्यादा लागत प्रभावी माना जाता है। ईटीएफ में शामिल हर प्रतिभूति का एक भारांक होता है, जो इसके फ्री-फ्लोट मार्केट कैप पर निर्भर करता है। भारांक के आधार पर केंद्र को अपनी हिस्सेदारी एफएफओ निवेशकों को हस्तांतरित करनी होती है। एनटीपीसी, कोल इंडिया, इंडियन ऑयल और ओएनजीसी 10 शेयर वाली सीपीएसई ईटीएफ में भारांक के मामले में अग्रणी शेयर हैं। ईटीएफ ऐसे समय में आ रहा है जब पीएसयू के प्रति निवेशकों की धारणा कमजोर है। बीएसई पीएसयू इंडेक्स इस साल 21 फीसदी फिसला है, वहीं सीपीएसई ईटीएफ में 15 फीसदी की गिरावट आई है। इसकी तुलना में बेंचमार्क निफ्टी साल 2018 में एक फीसदी चढ़ा है।
कमजोर प्रदर्शन के चलते सीपीएसई ईटीएफ व निफ्टी के बीच मूल्यांकन का अंतर ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच चुका है। अभी बेंचमार्क निफ्टी अपनी एक साल आगे की अनुमानित आय के करीब 18 गुने पर कारोबार कर रहा है। उधर, सीपीएसई ईटीएफ महज 8 गुने पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा सीपीएसई ईटीएफ लाभांश भुगतान के मामले में ज्यादा आकर्षक है। यह पांच फीसदी लाभांश प्रतिफल की पेशकश करता है जबकि निफ्टी 1.5 फीसदी की। इस वित्त वर्ष में अब तक केंद्र सरकार ने 152 अरब रुपये जुटाए हैं जबकि 2018-19 का विनिवेश लक्ष्य 800 अरब रुपये का है। हाल में केंद्र सरकार ने ओएफएस के जरिए कोल इंडिया की 3.2 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 52 अरब रुपये जुटाए हैं। इससे पहले सरकार ने भारत-22 ईटीएफ के जरिए 83 अरब रुपये जुटाए थे, जिसमें सरकारी शेयरधारिता वाले 22 शेयर हैं।
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