दक्षिण एशिया से जलमार्ग के रास्ते जुड़ा बनारस | बीएस संवाददाता / वाराणसी November 12, 2018 | | | | |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को पूर्वी भारत के लिए क्रूज पर्यटन और कंटेनर कार्गो सेवा का केंद्र बताया। गंगा नदी पर देश के पहले मल्टीमोडल टर्मिनल और करीब 2,500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार परियोजनाओं का लोकार्पण करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस नए जलमार्ग के शुरू होने से वाराणसी क्रूज पर्यटन के तौर पर उभरने में सक्षम है। प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी के लिए 425.41 करोड़ रुपए की लागत वाली दो सीवेज परियोजनाओं का उद्घाटन किया और रामनगर के लिए 72.91 करोड़ रुपए की लागत वाली परियोजना की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग 56 के बाबतपुर-वाराणसी मार्ग का चार लेन चौड़ीकरण व निर्माण का लोकार्पण किया। उन्होंने वाराणसी रिंग रोड फेज वन का लोकार्पण भी किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य के किसान, दरी बुनकर, शिल्पकार और उद्योगपतियों को इससे तुरंत फायदा पहुंचेगा क्योंकि अंतर्देशीय जलमार्ग उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल होते हुए बंगाल की खाड़ी से सीधे जुड़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'वाराणसी के पड़ोसी जिले मिर्जापुर और भदोही को मिलाकर वाराणसी का यह क्षेत्र पहले ही दरी और वस्त्र के वैश्विक केंद्र के तौर पर उभर रहा है अब इस जलमार्ग से जुड़ जाने की वजह से यहां पर्यटन, कार्गो सेवा और यात्री परिवहन को बढ़ावा मिलेगा और यह नेचर, कल्चर एवं एडवेंचर का एक बड़ा केंद्र बनेगा।'
प्रधानमंत्री ने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि देश आज देख सकता है कि कैसे एक योजना आधुनिक भारत के परिवहन परिदृश्य को बदल सकती है। उन्होंने कहा, 'मुझे देश का प्रधानमंत्री होने और यहां का सांसद होने के नाते दोहरी खुशी है कि अब वाराणसी जल, थल और हवाई तीनों मार्ग से जुड़ गया है।' मोदी ने आगे कहा कि हमारी सरकार ऐसी 100 अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं पर काम कर रही है जिसमें से वाराणसी एक है। इस जलमार्ग के निर्माण पर 5,000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसमें वाराणसी से हल्दिया के बीच करीब 20 मल्टी-मोडल टर्मिनल होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस जलमार्ग के जरिये राज्य के किसानों को अपने कृषि उत्पाद को दूसरी जगह भेजने में सहूलियत होगी और यूपी के लाखों लघु एवं मझोले उद्योगों को अपने मूल्य वर्धित उत्पादों को विस्तार देने में मदद मिलेगी। इससे पहले मोदी ने अंतर्देशीय जलमार्ग के रास्ते कोलकाता से आए आजाद भारत के पहले कंटेनर कार्गो का स्वागत किया। वाराणसी से लौटते समय कार्गो में उर्वरक की खेप भेजी जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा जलमार्ग न केवल पैसे और समय बचाने में सक्षम है बल्कि यह ईंधन की बचत करने और प्रदूषण नियंत्रण का भी एक कारगार साधन है। उन्होंने कहा, 'यदि इसी कार्गो को सड़क मार्ग से लाया जाता तो इसके लिए 16 ट्रकों की जरूरत होती, साथ ही इस पर 4,500 प्रति कंटेनर की अतिरिक्त लागत भी आती। इस प्रकार से जलमार्ग से आए इस कार्गो से 70,000-75,000 रुपये की बचत हुई है।' इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय परिवहन, जलमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे। वाराणसी का यह प्रधानमंत्री का 15वां दौरा था।
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