फ्रिज, कार और दीवार पर चढ़ रहा नेरोलैक का रंग | विवेट सुजन पिंटो / November 08, 2018 | | | | |
कारोबारी सफर की एक शताब्दी पूरी करने जा रही नेरोलैक विज्ञापन और प्रचार के पहियों पर एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है। डिजिटल मीडिया से लेकर टेलीविजन तक हर जगह नए ब्रांड एंबेसडर रणवीर सिंह के विज्ञापन अपना स्थान बनाए हुए हैं। कई ग्राहक दीवारों पर रंग के लिए किसी ब्रांड के उपयोग के बारे में नहीं सोचते लेकिन उनके फ्रिज, कार और दूसरे सामानों पर नेरोलैक का रंग चढ़ा है। इन सबके साथ, अपनी अभी तक की यात्रा में कंपनी के विज्ञापन बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। विज्ञापन में 'बदलाव का समय' कहते समय यह दर्शकों को संकेत करता है कि अब सूई को इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एशियन पेंट्स से हटाकर नेरोलैक की ओर करने का वक्त आ गया है। सजावटी और घरेलू पेंट्स की श्रेणी में देश की शीर्ष तीन कंपनियों में शामिल और कंसाई नेरोलैक के स्वामित्व वाली कंपनी को पहले गुडलास नेरोलैक के नाम से जाना जाता था। कंपनी अधिक से अधिक तथा नए ग्राहकों के साथ अपनी साख बेहतर बनाने पर काम कर रही है। लेकिन इसके लिए कंपनी को एशियन पेंट्स का विकल्प बनते हुए पहले स्थान पर आना होगा।
उपभोक्ताओं पर नजर
इसके लिए कंपनी को सबसे पहले अपना ब्रांड लोगों के सामने बेहतर तरीके से पेश करना होगा और उसके विज्ञापन इस काम को बखूबी कर रहे हैं। रणवीर सिंह थोड़े मजाकिया और हाजिर जवाब हैं और वे विज्ञापन में प्रभाव छोड़ते हैं। हालिया विज्ञापन में रणवीर सिंह बताते हैं कि कैसे नए पेंट के साथ उनकी कार और फ्रिज एकदम नए जैसे दिख रहे हैं लेकिन उन्हें बीच में ही रोकते हुए उनकी साथी बताती हैं कि जो पेंट उन्हें दिया गया था वह नेरोलैक का पेंट था जिसे देश में कार और घर का सामान बनाते समय उपयोग में लाया जाता है। तो क्या यह घर की दीवारें भी चमकाएगा? क्यों ना एक बार इसे लगाकर देखा जाए?
विशेषज्ञ कहते हैं कि नेरोलैक औद्योगिक पेंट और घरों के सजावटी पेंट के बीच की दूसरी को पाटने पर काम कर रही है, जो किसी भी पेंट ब्रांड द्वारा पहले कभी नहीं किया गया। त्योहारी सीजन के चलते सजावटी पेंट के लिए बाजारी गतिविधियां काफी तेज हैं और विशेषज्ञों का कहना है कि नेरोलैक के विज्ञापन का तरीका एशियन पेंट से कारोबारी शीर्ष की कुर्सी लेने का प्रयास हो सकता है। भारत के अनुमानित 450 अरब रुपये के सजावटी पेंट कारोबार में एशियन पेंट की 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है। इस बाजार में बर्जर पेंट्स की 25 प्रतिशत और नेरोलैक की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसलिए, एशियन पेंट्स से आगे निकलना आसान नहीं होगा और नेरोलैक के पास विज्ञापन तथा संचार के माध्यम से अपनी पहुंच बढ़ानी होगी।
सालाना ब्रांड ट्रस्ट रिपोर्ट जारी करने वाली टीआरए के मुख्य कार्याधिकारी एन चंद्रमौलि कहते हैं, 'नेरोलैक काफी चतुराई भरी तकनीक अपना रही है।' वह कहते हैं, 'इससे कंपनी को वाहन तथा घरों के सामानों पर रंग करने के क्षेत्र में आगे आने में मदद मिली है, जो सजावटी पेंट कारोबार का एक बड़ा हिस्सा है। इस तरह वे ग्राहकों को बता रहे हैं कि इसका क्या-क्या इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी दौरान, औद्योगिक पेंट्स कारोबार में भी गति मिल रही है।' भारत के कुल 600 अरब रुपये के पेंट कारोबार 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले औद्योगिक पेंट्स में बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) कारोबार होता है और यहां आमतौर पर कोई बाजारी गतिविधि दिखाई नहीं देती। दूसरी ओर, सजावटी पेंट्स की इस बाजार में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है जिसमें आगे बढऩे के लिए ब्रांड लगातार विभिन्न गतिविधियां करते रहते हैं। हरीश बिजूर कंसल्ट्स के सीईओ हरीश बिजूर कहते हैं, 'पेंट जैसी श्रेणी में ब्रांड बिल्डिंग से ही कंपनियों में अंतर किया जाता है और एशियन पेंट्स जैसे अधिकांश प्रमुख सजावटी पेंट ब्रांड ने अपनी एक अलग जगह बनाई है।' वह कहते हैं, 'चुनौती देने वालों के लिए पहले स्थान पर काबिज कंपनी को हटाना काफी चुनौतिपूर्ण होगा।'
चुनौतियों का समाधान
नेरोलैक के लिए यह काम काफी मुश्किल भरा होगा, वह भी ऐसे माहौल में जब पहले स्थान पर काबिज कंपनी भी काफी शक्तिशाली है और प्रचार पर ध्यान दे रही है। विज्ञापनों को देखें तो दोनों कंपनियां बिल्कुल अलग तरीके से बात कर रही हैं। नेरोलैक अभी उभर रही है लेकिन एशियन पेंट्स ग्राहकों के बीच अच्छी पहुंच रखती है। एशियन पेंट्स ने हाल ही में एक कैंपेन प्रारंभ किया है, जिसमें पढ़ाई के लिए बच्चे के बाहर जाने के बाद उसके माता-पिता पेइंग गेस्ट के तौर पर एक युगल का उस कमरे में स्वागत करते हैं। यह पेंट माता-पिता को कमरा साफ रखने और नए लोगों का स्वागत करने में मदद करता है। साथ ही, नए अतिथियों को भी यहां घर जैसा अहसास होता है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि एशियन पेंट्स संचार शैली का उपयोग कर रही है और एक अच्छी बढ़त के साथ प्रतिस्पर्धा दे रही है। इसमें डीलर की ओर से तकनीक का अधिक इस्तेमाल, ग्राहकों द्वारा मनपसंद रंग के चुनाव के अधिक और आसान विकल्प तथा होम सॉल्यूशंस के तहत घरों पर रंग की सुविधा शामिल है। विश्लेषक कहते हैं कि एशियन पेंट्स ने प्रत्येक कदम को पेंट वैल्यूचेन के आभासी लूप में रख दिया है। पिछले कुछ सालों में एशियन पेंट्स ने रसोई, बाथरूम, वाटरप्रूफिंग, धातु और खाद्य सामग्री आदि तक अपनी पहुंच बनाई है। एक नई डिजिटल फिल्म में एशियन पेंट्स और फेविकोल के प्रयासों को दिखाया। इसमें दिखाया गया कि खराब तरीके से की गई कारपेंटरी पर ग्राहक किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं और इससे कारपेंटर की छवि को नुकसान पहुंचता है।
एशियन पेंट्स में सीओओ अमित सिंजल कहते हैं, 'हमारी विस्तृत रेंज हमेशा मॉडर्न और प्रगतिशील सोच वालों के साथ है। यह फिल्म इस संदेश को प्रेषित करती है और बताती है कि प्रतिष्ठा पाने के लिए खूबसूरत काम करना भी जरूरी है।' बाजार में एशियन पेंट्स की पहुंच के हिसाब से नेरोलैक को अभी कुछ दूसरी तय करनी बाकी है।
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