अनुमानों में उलझ रहा चीनी उत्पादन | सुशील मिश्र / मुंबई November 02, 2018 | | | | |
देश की चीनी मिलों में गन्ने की पेराई शुरू हो गई है। चीनी उत्पादन और विपणन वर्ष के पहले महीने में 1.5 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है। उत्पादन शुरूहोते ही एक बार फिर अनुमान को लेकर सरकार और चीनी संगठनों के विरोधाभासी बयान आने शुरू हो गए हैं। जहां एक ओर कृषि विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि इस साल चीनी उत्पादन पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा होगा वहीं दूसरी ओर चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने 2018-19 सीजन के दौरान देश में चीनी उत्पादन कम होने का अनुमान व्यक्त किया है। भारत में चीनी उत्पादन और विपणन वर्ष 1 अक्टूबर से शुरू होता है और 30 सितंबर को समाप्त होता है।
इस्मा ने 29 अक्टूबर को चीनी उत्पादन के पूर्वानुमान को संशोधित कर 350 लाख टन से तीन प्रतिशत घटाकर 315 लाख टन कर दिया था। इस्मा के इस कम उत्पादन के अनुमान पर कृषि विभाग के अधिकारी सवाल खड़े करते हुए कहते हैं कि चालू विपणन वर्ष 2018-19 में देश का चीनी उत्पादन पिछले विपणन वर्ष से कुछ अधिक 321 लाख टन रह सकता है। अधिकारी ने पिछले कुछ विपणन वर्षों से गलत पूर्वानुमान जारी करने को लेकर इस्मा की आलोचना भी की। पिछले साल इस्मा ने पहले 270 लाख टन का अनुमान जताया था और बाद में इसे 320 लाख टन कर दिया। इस साल उसका पहला अनुमान अधिक था जिसे बाद में कम कर दिया गया। इससे पता चलता है कि वह महज कयास लगा रहे हैं। सरकार का पिछले विपणन वर्ष की तुलना में कुल चीनी उत्पादन कुछ अधिक रहने का अनुमान है। अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में गन्ना फसल को नुकसान की खबरें हैं लेकिन अन्य राज्यों में बुआई अधिक होने से इसकी भरपाई हो जाएगी। यदि उत्पादन कुछ कम भी रहा तो भी चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि पिछले साल का भारी भंडार बाजार की जरूरतों के लिए उपलब्ध रहेगा।
चीनी सीजन के पहले महीने में ही उत्पादन की अच्छी शुरुआत हुई है। नैशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक नए सीजन के पहले महीने में देश में 47 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई का काम शुरू हो चुका है। नए सीजन में महाराष्ट्र में 15 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई शुरू हो चुकी है जबकि गुजरात और तमिलनाडु में 10-10 चीनी मिलों में तथा कर्नाटक में 12 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई शुरू हो चुकी है। चालू सत्र में 31 अक्टूबर तक 18 लाख टन गन्ने की पेराई हुई है जिससे 1.5 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। चालू सीजन में 8.32 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे हुए हैं। देश के कई हिस्सों में सूखे की बढ़ती आशंका को आधार बना कर हाल ही में इस्मा ने इस साल देश के चीनी उत्पादन में करीब 40 लाख टन कमी का अनुमान व्यक्त किया है।
इस्मा के बयान में कहा गया है कि 2018-19 सीजन के दौरान देश में 315 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। इससे पहले जुलाई में एसोसिएशन ने अपने बयान में 350-355 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान लगाया था। पिछले सीजन मेंं 2017-18 के दौरान देश में 322.5 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है। एसोसिएशन ने करीब तीन महीने पहले चीनी उत्पादन का जो अनुमान पेश किया था उसमें भारी बदलाव देखने को मिल रहा है। सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के उत्पादन में भी बदलाव देखने को मिल रही है। जुलाई में जारी अनुमान में उत्तर प्रदेश में 130-135 लाख टन उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। ताजा अनुमान में इसे घटाकर 121 लाख टन कर दिया गया है यानी इस साल उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन पिछले सीजन के 120.45 लाख टन के करीब ही रहने वाला है। जबकि महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन चालू विपणन वर्ष के दौरान 95 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है। पिछले साल राज्य में चीनी उत्पादन करीब 107.20 लाख टन रहा था। इससे पहले जुलाई में राज्य में 110 से 115 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। कर्नाटक में चीनी पैदावार घटाकर 42 लाख टन कर दी गई जबकि जुलाई में यहां 44.8 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया गया था।
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