पिछले फायदों को एकीकृत करने पर ध्यान | टी ई नरसिम्हन / November 02, 2018 | | | | |
पद्मजा चंद्रू ने 21 सितंबर, 2018 को इंडियन बैंक के प्रबंध निदेशक व सीईओ का कार्यभार संभाला। इससे पहले वह भारतीय स्टेट बैंक में उप प्रबंध निदेशक (वैश्विक बाजार) थीं। इंडियन बैंक देश के उन सरकारी बैंकों में शामिल है जो तिमाही आधार पर शुद्ध लाभ दर्ज कर रहा है। टी ई नरसिम्हन को दिए पहले साक्षात्कार में उन्होंने इस क्षेत्र की मौजूदा प्रवृत्तियों और बैंक की भविष्य की योजना पर विस्तार से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश...
आपने ऐसे समय में कार्यभार संभाला है जब बैंकिंग क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। इंडियन बैंक को आगे ले जाने के लिए आपकी क्या रणनीति है?
खास तौर से दिवालिया संहिता के जरिए दबाव वाली परिसंपत्तियों के समाधान की पहल के परिणाम दिखने लगे हैं। 2017-18 में कुछ बड़े एनपीए खातों का समाधान हुआ और इस साल बैंकों को आईबीसी भेजे गए खातों से खासी वसूली की उम्मीद है। इंडियन बैंक मामले दर मामले के आधार पर सही कारोबारी फैसला लेता है। हमारा ध्यान लोनबुक को और विशाखित करने पर है, जिसमें कॉरपोरेट, रिटेल, कृषि व एमएसएमई का सही अनुपात होगा।
बैंक को आगे ले जाने के लिए आप किन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देंगी?
कृषि, खुदरा, एमएसएमई और कॉरपोरेट में हम अच्छी गुणवत्ता वाली उधारी में बढ़त चाहेंगे। हमारा ध्यान विभिन्न क्षेत्रों व इलाकों में जोखिम के विशाखन में कामयाबी हासिल करने पर होगा। कम लागत वाली जमाओं में इजाफा करने पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है और इससे निश्चित तौर पर हमारे बैंक को ब्याज का स्प्रेड बनाए रखने में मदद मिलेगी।
बढ़त को सहारा देने के लिए क्या बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है? इस साल आप कितनी बढ़त की उम्मीद कर रही हैं?
बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है, जो नियामकीय व बढ़त की जरूरतें पूरी कर रही है। पूंजी जुटाने की गुंजाइश है और इसके विकल्पों पर विचार किया गया है। साथ ही एक या कई चरणों में पूंजी जुटाने के लिए हमारे पास निदेशक मंडल व शेयरधारकों की भी मंजूरी है। बाजार की परिस्थितियों के मुताबिक रकम और समय का फैसला लिया जाएगा। हम कारोबार में अच्छी व गुणवत्तायुक्त बढ़त की उम्मीद कर रहे हैं। हमारा ध्यान पिछले लाभ को एकीकृत करने और बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत करने पर है।
पीएसयू बैंकों के प्रस्तावित विलय पर आपकी क्या राय है?
पीएसबी के एकीकरण के प्रस्ताव का लक्ष्य बड़ी बैलेंस शीट वाले बैंकों के सृजन, मितव्ययिता हासिल करने और जोखिम का बेहतर विशाखन है। यह काम तकनीक के प्रभावी इस्तेमाल के जरिए समावेशी विकास के राष्ट्रीय लक्ष्य में किसी तरह का बदलाव किए बगैर होना है।
इंडियन बैंक के एनपीए का स्तर कितना चिंताजनक है? वसूली व उन्नयन के क्या लक्ष्य हैं?
इंडियन बैंक का सकल एनपीए व शुद्ध एनपीए अनुपात अपेक्षाकृत बेहतर है और 30 जून 2018 को यह क्रमश: 7.20 फीसदी व 3.79 फीसदी रहा। हमारे पास उधारी की निगरानी की प्रभावी व्यवस्था है, जो शुरुआती दौर में ही एनपीए की पहचान में मदद मिलती है। साथ ही वसूली के मोर्चे पर भी बहुस्तरीय तरीका अपनाया गया है। एनसीएलटी के कुछ खाते का समाधान अंतिम चरण में है, यहां से भी हमें रकम मिलने की उम्मीद है।
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