आवागमन के लिहाज से कोलकाता अव्वल: ओला | |
अलनूर पीरमोहम्मद / 11 01, 2018 | | | | |
► कोलकाता में नियमित आवाजाही करने वालों को सार्वजनिक परिवहन से मिली काफी सहूलियत
► ओला के पहले 'ईज ऑफ मोबिलिटी इंडेक्स' की रिपोर्ट में दिल्ली और चेन्नई हैं दूसरे पायदान पर
► आसानी से आवागमन के लिहाज से बेंगलूरु तीसरे पायदान पर
सार्वजनिक परिवहन के कम किराये, उनकी आसान उपलब्धता और मजबूत बुनियादी ढांचे की वजह से कोलकाता देश के मेट्रो शहरों में शीर्ष स्तर पर अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा है क्योंकि नियमित रूप से आने-जाने वाले लोगों को भी इस शहर में सुगम आवागमन मिलता है। घरेलू टैक्सी सेवा एग्रीगेटर कंपनी ओला ने इन बिंदुओं का आकलन करते हुए नई दिल्ली और चेन्नई को दूसरे पायदान पर जबकि 'आसानी से आवागमन' के लिहाज से बेंगलूरु को तीसरे पायदान पर रखा है। बड़े मेट्रो शहरों में इस लिहाज से मुंबई का प्रदर्शन सबसे खराब है। ओला ने अपने पहले 'ईज ऑफ मोबिलिटी इंडेक्स' की रिपोर्ट में इन बातों का जिक्र किया है।
मेट्रो शहरों के अलावा उसने पटना की रैंकिंग 'सबसे बेहतर उभरते शहर' के तौर पर की है जबकि विशेषतौर पर नियमित रूप से आने-जाने में सुगमता के पैमाने से भुवनेश्वर को ओला ने सबसे 'बेहतर संभावनाओं वाला शहर' बताया है। इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 35,000 लोगों का सर्वेक्षण किया गया जिसमें सबसे दिलचस्प बात यह निकलकर सामने आई कि 80 फीसदी लोग चाहते हैं कि अगर सार्वजनिक परिवहन ज्यादा किफायती, आरामदायक हो और उनके क्षेत्रों के कवरेज में सुधार हो तो वे उसकी सेवाएं जरूर लेना चाहेंगे। आसानी से नियमित आवागमन के पैमाने की बात की जाए तो लोगों द्वारा सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले शहरों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। ओला का कहना है कि उसने शहरों का अंतिम स्कोर निकालने के लिए 50 मानकों को ध्यान में रखा गया।
ओला में स्ट्रैटजिक इनीशिएटिव के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आनंद शाह का कहना है, 'सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध हो या नहीं लेकिन हमने अपने अध्ययन में पाया कि लोग सार्वजनिक परिवहन पसंद करते हैं। हमने यह भी देखा कि सहूलियत और साझेदारी वाले आवागमन को लोग सबसे ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। आप इसका अंदाजा रिपोर्ट के आंकड़े और हमारे ग्राहकों से भी लगा सकते हैं। हमारा यह मानना है कि आवागमन के सही साधनों का अंदाजा लगाने के लिए काफी कोशिशों की दरकार है ताकि यह एक-दूसरे से जुड़ने वाला अनुभव बन सके।'
ओला का कहना है कि रिपोर्ट लाने का मकसद यह था कि राज्य अधिकारियों को राज्य के शहरों की गतिशीलता से जुड़ी तस्वीर पेश की जा सके जिसके आधार पर वे काम कर सकें। इससे कई लोग जुड़े हैं मसलन उद्यमी, वेंचर कैपिटल कंपनियां, स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार जो देश में आवागमन से जुड़े मसले का हल करने में जुटे हैं। कंपनी आवागमन के विभिन्न साधनों को एकीकृत करने में एक बड़ी भूमिका निभाना चाहती है जो नागरिकों की सबसे बड़ी मांग भी है।
हालांकि सॉफ्टबैंक समर्थित कंपनी ओला का कहना है कि वह राज्यों के साथ सहयोग करने को तैयार है ताकि बेहतर योजना के लिए सूचना और डेटा मुहैया कराया जा सके। मिसाल के तौर पर ओला सड़कों के गड्ढों की जानकारी दे सकती है जो इसकी कैब सेवाओं से जुड़ी कारों द्वारा जुटाए गए गाइरोस्कोपिक डेटा पर आधारित होगा।
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