महंगे आयात से 20-25 फीसदी बढ़े दाम लाइटिंग-सजावटी समान की बिक्री घटने का अंदेशा इस दीवाली घर रोशन करना महंगा होगा। डॉलर के मुकाबले रुपये में नरमी से लाइटिंग और सजावटी सामान आदि महंगे हो गए हैं। असल में लड़ी-झालर, दीये, बल्ब और एलईडी आदि ज्यादातर आयात किए जाते हैं। ऐसे में महंगे आयात से इनके दाम पिछले साल से ज्यादा हैं। दिल्ली में इन सामान की बिक्री करने वाले करीब 4,500 इलेक्ट्रिक कारोबारी हैं, जिनका सालाना कारोबार करीब 2,000 करोड़ रुपये का है। भागीरथ प्लेस के लाइटिंग कारोबारी राकेश सैनी ने कहा कि सामान महंगा होने से इस साल अब तक 20 फीसदी कम ऑर्डर मिले हैं। उन्होंने कहा कि दाम ज्यादा होने से लोग कम मात्रा में खरीदारी कर रहे हैं।दिल्ली इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत आहूजा ने कहा कि कमजोर रुपये के चलते पिछले साल से लाइटिंग सामान 20 से 25 फीसदी महंगे हैं। बीआईएस नियमों पर सख्ती की वजह से काफी माल कस्टम में अटका हुआ है। आहूजा ने कहा कि इस समय दिल्ली-एनसीआर व बाहरी राज्यों के कारोबारी खरीद कर रहे हैं। दाम ज्यादा होने के कारण इन कारोबारियों ने पिछले साल से 25-30 फीसदी कम माल खरीदा है।चीन से लाइटिंग सामान आयात करने वाले अशोक मल्होत्रा ने बताया कि महंगे आयात के बीच दाम ज्यादा होने से आयातकों ने इस साल 25 फीसदी कम माल आयात किया है। उन्होंने कहा कि इस दीवाली लाइटिंग सामान की बिक्री पिछले साल से 25 फीसदी कम होने का अनुमान है। बाजार में पिछले साल 200-270 रुपये में मिलने वाली 50 मीटर की झालर इस बार 250 से 320 रुपये और 18-20 रुपये वाली लड़ियां 25 से 30 रुपये में बिक रही हैं। इस साल बाजार में चीनी सामान के बहिष्कार का अभियान नहीं दिख रहा है।
