हीरा उद्योग ► 28 अगस्त 2017 से शुरू हुआ है एक्सचेंज में हीरे का वायदा कारोबार ► वर्ष 2017 में हीरे का भाव 3,100 रुपये प्रति सेंट था जो अब 3,700 रुपये तक पहुंच गया ► एक साल में इसमें 20 प्रतिशत तक हो चुकी है बढ़ोतरी ► एक साल में एक्सचेंज पर 16.85 करोड़ रुपये के 617.65 कैरेट हीरे की डिलिवरी हो चुकी है बाजार दीवाली की रोशनी से चमकना शुरू हो गया है। इस त्योहारी सीजन में सोने की चमक अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। वहीं निवेशकों की पसंद से दूर हीरा भी आठ फीसदी प्रतिफल के साथ आ गया है। पिछले कुछ वर्षों से हीरा बाजार मंदी के दौर से गुजर रहा है। वैश्विक मंदी और घरेलू घटनाओं के साथ ग्राहकों का हीरे से भरोसा उठ गया है। बाजार में खुलेआम मशीन में बने हीरे बिक रहे हैं। असली और नकली हीरे की पहचान कर पाना ग्राहकों के लिए मुश्किल होता है। इसलिए घरेलू बाजार में हीरे की मांग कमजोर पड़ती जा रही है। हालांकि इसका सीधा फायदा हीरे के वायदा बाजार को मिल रहा है। आईसीईएक्स के प्रबंध निदेशक व सीईओ संजित प्रसाद कहते हैं कि आईसीईएक्स के ऑनलाइन कारोबारी प्लेटफॉर्म से उपभोक्ता न सिर्फ अपनी पसंद का हीरा खरीद सकते हैं बल्कि घर पर डिलिवरी ले सकते हैं। एक्सचेंज पर भी दैनिक आधार पर खरीद-बेच कर मुनाफा कमा सकते हैं। हीरे का वायदा कारोबार 28 अगस्त, 2017 से शुरू हुआ। तब हीरे का भाव लगभग 3,100 रुपये प्रति सेंट था। यह आज करीब 3,700 रुपये प्रति सेंट तक पहुंच गया है। अर्थात इसमें अबतक 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। पिछले एक साल में एक्सचेंज पर 16.85 करोड़ रुपये के 617.65 कैरेट हीरे की डिलिवरी हो चुकी है। एक्सचेंज से विशुद्ध गुणवत्ता और सही माप के हीरे मिलेंगे जो दीवाली के मौके पर किसी को उपहार में दिया जा सकता है।बाजार में हीरों के नाम पर नकली तथा दूसरे तरह के रत्न बिकने की बात आम हो गई है। त्योहारी सीजन में ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की खबरें कुछ ज्यादा ही आने लगती है। ग्राहकों के साथ होने वाली धोखाधड़ी से पूरे उद्योग की बदनामी होती है। हीरे, रंगीन रत्न एवं आभूषणों के प्रमाणीकरण एवं मूल्यांकन करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा संस्थान इंटरनैशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (आईजीआई) ने भी ग्राहकों को इस त्योहारी सीजन में सतर्क रहने की अपील की है।आईजीआई ने ग्राहकों से इस त्योहारी सीजन में केवल प्रमाणित प्राकृतिक हीरे खरीदने का आग्रह किया है। आईजीआई इंडिया के निदेशक तहमास्य प्रिंटर ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि उत्सव के इस मौके पर सिर्फ प्रमाणित और सत्यापित हीरे ही खरीदें। आईजीआई रिपोर्ट और सर्टिफिकेट के साथ ही हीरा लें। हीरे का आकलन हीरे के 4 सी (कट, कलर, क्लेरिटी, करेट) से की जाती है। आईजीआई का प्रमाणपत्र पांचवां सी यानी कॉन्फिडेंस को भी जोड़ता है। इसलिए हीरा खरीदते समय नैचुरल डायमंड के प्रमाणपत्र की मांग करें।हीरे में प्रतिफल न मिलने की वजह से निवेशक इससे दूरी बनाए हुए हैं। लेकिन कारोबारियों का कहना है कि यह पूर्ण सत्य नहीं है। दूसरी जिसों की तरह डायमंड में निवेश ज्यादा लोकप्रिय नहीं रहा है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि गत एक साल में हीरे में निवेश ने निवेशकों को 8 प्रतिशत से अधिक का प्रतिफल दिया है जो मौजूदा समय में बेहतरीन माना जा रहा है। आईसीईएक्स पर डायमंड एसआईपी का भी विकल्प है जो दुनिया में कहीं नहीं है। डायमंड एसआईपी योजना कई बड़े सराफा कारोबारी भी चला रहे हैं। इसे कभी भी बेचा और खरीदा जा सकता है। आईसीईएक्स के एक अधिकारी ने बताया कि निवेशक कुछ महीनों बाद डायमंड एसआईपी में पैसे नहीं जमा कर पाते हैं। जितनी एसआईपी वह दे चुका होगा उसके मुताबिक उतने वजन का हीरा खरीदकर उसके डीमैट अकाउंट में बना रहेगा। वह जब चाहे दोबारा खरीदारी शुरू कर सकता है। खरीदार अपने अकाउंट में जमा हीरों को जब चाहे बेच सकता है। उस समय के बाजार मूल्य के अनुसार उसे कीमत मिल जाएगी।
