थम्स अप, स्प्राइट और फैंटा जैसे दमदार ब्रांड के साथ कारोबार करने वाली प्रमुख बेवरिजेस कंपनी कोका कोला इंडिया ने 2017-18 के दौरान अपने शुद्ध मुनाफे में 14 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। प्रीमियम उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने से कंपनी के मुनाफे को बल मिला।
कंपनी रजिस्ट्रार के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार, साल 2016-17 में कोका कोला इंडिया का मुनाफा 4.85 अरब रुपये से बढ़कर 5.54 अरब रुपये पर पहुंच गया था जो अब तक की उसकी सर्वाधिक ऊंचाई है। दो वर्षों के कमजोर प्रदर्शन के बाद मुनाफे में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है। इन दो वर्षों के दौरान कंपनी का शुद्ध लाभ 2014-15 के स्तर तक लुढ़क गया था।
कंपनी का परिचालन राजस्व 8 फीसदी बढ़कर 23.07 अरब रुपये हो गया जो एक साल पहले 21.35 अरब रुपये रहा था। कर मद में खर्च बढऩे के कारण 2017-18 में कोका कोला इंडिया के राजस्व में मामूली वृद्धि दर्ज की गई। इस दौरान कर मद में कुल खर्च 2.59 अरब रुपये से 34 फीसदी बढ़कर 2.98 अरब रुपये हो गया। सरकार ने पिछले साल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू करने के बाद एयरेटेड पेय पर कर लगा दिया था। एक आकलन के अनुसार कोला पेय पर कर की प्रभावी दर बढ़कर 32 फीसदी से अधिक हो चुकी है जो पहले 23 फीसदी थी। भारत में कोला पेय की कुल बिक्री में कोक की हिस्सेदारी 65 फीसदी से अधिक है।
पिछले साल का प्रदर्शन इससे पहले के दो वर्षों के वित्तीय नतीजों के मुकाबले काफी दमदार दिख रहा है। हालांकि 2011-12 से 2014-15 तक चार वर्षों के दौरान कंपनी का शुद्ध मुनाफा 11 से 61 फीसदी के दायरे में बढ़ा। जबकि 2015-16 में कंपनी के मुनाफे में छह फीसदी की गिरावट के बाद अगले वर्ष उसमें 2.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि परिचालन राजस्व की रफ्तार पिछले साल (21 फीसदी की वृद्धि) के मुकाबले सुस्त रही।
कोका कोला इंडिया के वित्तीय आंकड़ों से उसकी बिक्री की वास्तविक तस्वीर नहीं झलकती है क्योंकि उसे अधिकांश राजस्व कोका कोला और माजा जैसे लोकप्रिय पेय बनाने की गोपनीय विधि एवं ब्रांड के इस्तेमाल के एवज में प्राप्त रॉयल्टी से आता है। कोका कोला उत्पादों का उत्पादन एवं वितरण काफी हद तक प्रमुख बॉटलर कंपनी हिंदुस्तान कोका कोला बेवरिजेस के जरिये किया जाता है। इसके अलावा उसके दर्जनों फ्रेंचाइजी पार्टनर एवं सह-पैकर भी हैं।
उपभोक्ताओं के बीच स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती जागरूकता के कारण मीठे पेय के बजाय लोग अब जूस, पैकेटबंद चाय, मूल्यवद्र्धित डेयरी आदि जैसे अधिक स्वास्थ्यवद्र्धक पेय की ओर रुख करने लगे हैं। हाल के वर्षों में इसे भांपते हुए कोक ने भी अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार किया और उसमें सभी तरह के ग्राहकों के लिए उत्पादों को शामिल किया है। सूत्रों के अनुसार, वायो (मूल्यवर्धित डेयरी ब्रांड), स्मार्ट वाटर एवं मिनट मेड के तहत नए उत्पाद उतारे जाने से कंपनी को कर बचाने में भी मदद मिली है।
वैश्विक स्तर पर कंपनी ने अपने भारतीय कारोबार को उठाने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष रखा है। कंपनी आगामी वर्षों में भारत को अपना तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनाना चाहती है। इससे पहले वह भारत को अपने प्रमख बाजारों में पांचवें पायदान पर लाना था जहां फिलहाल चीन है। चीन में कोका कोला के उत्पादों की खपत भारत के मुकाबले 150 फीसदी अधिक है। कोका कोला के तीसरे और चौथे सबसे बड़े बाजार क्रमश: जापान और ब्राजील हैं।
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