एयरटेल अफ्रीका में सवा अरब डॉलर निवेश | |
सुरजीत दास गुप्ता / नई दिल्ली 10 24, 2018 | | | | |
► भारती ने एयरटेल अफ्रीका के लिए जुटाए 6 वैश्विक निवेशक
► आगे कंपनी अपनी सहायक इकाई का ला सकती है आईपीओ
► निवेश के एवज में ताजा इक्विटी जारी करेगी कंपनी
दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी भारती एयरटेल ने आज कहा कि छह एंकर निवेशक उसकी अफ्रीकी इकाई एयरटेल अफ्रीका में 1.25 अरब डॉलर का निवेश करेंगे। इस निवेश के एवज में कंपनी ताजा इक्विटी जारी करेगी, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज में आईपीओ लाने की योजना है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार इससे कंपनी को अपने बहीखाता दुरुस्त करने और कुल कर्ज को 8 फीसदी तक कम करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही कंपनी की ब्याज लागत भी करीब 10 अरब रुपये कम कम होगी, जिसका असर मुनाफे पर दिखेगा। विश्लेषकों ने कहा कि इस कदम से भारती एयरटेल घरेलू बाजार में रिलायंस जियो को टक्कर देने में सक्षम होगी। इस खबर का असर कंपनी के शेयर पर भी दिखा और भारती एयरटेल का शेयर 8.97 फीसदी चढ़कर 311.55 रुपये पर बंद हुआ।
छह निवेशकों में वारबर्ग पिनकस भी शामिल है, जिसने पहले भी भारती में निवेश किया है। इसके अलावा टेमासेक, सिंगटेल और सॉफ्टबैंक इंटरनैशन आदि शामिल हैं। इस सौदे से भारती एयरटेल की हिस्सेदारी अफ्रीकी इकाई में 100 फीसदी से घटकर 71 फीसदी रह जाएगी।
सौदे से मिलने वाली रकम से भारती को अपना संचयी कर्ज 15 अरब डॉलर को कम करने में मदद मिलेगी, वहीं भावी आईपीओ के लिए वह आधार मूल्य भी तय कर सकेगी। विश्लेषकों के अनुसार आईपीओ के जरिये कंपनी कम से कम 10 फीसदी हिस्सा बेच सकती है, जिससे वह करीब 90 करोड़ डॉलर का कर्ज और घटा सकती है।
क्रेडिट सुइस के अनुसार सौदे के बाद कंपनी का मौजूदा मूल्य करीब 9.5 अरब डॉलर आंका गया है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार भारती एयरटेल पर वित्त वर्ष 2019 में 260 अरब रुपये की देनदारी है, जिसके लिए वह 84 अरब डॉलर इसी महीने यूरो बॉन्ड के जरिये जुटा चुकी है।
भारती एयरटेल के अफ्रीकी कारोबार के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कर्याधिकारी रघुनाथ मंडावा ने कहा, 'इक्विटी जारी करना स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि एयरटेल के अफ्रीकी कारोबार की सफल रणनीति को लेकर वैश्विक निवेशकों के बीच भरोसा है। सौदे से हमें अपनी बैलेंस शीट दुरुस्त करने तथा नेटवर्क उन्नयन करने की अपनी क्षमता बढ़ाने और विभिन्न बाजारों में विस्तार करने में मदद मिलेगी। अपने परिचालन वाले क्षेत्रों में एयरटेल मनी की तेज वृद्धि भी हासिल करने में सहूलियत होगी।'
भारती एयरटेल ताजा इक्विटी जारी करने के साथ ही साथ अपनी संपत्तियों के मुद्रीकरण से कर्ज घटाने की स्पष्टï रणनीति का पालन कर रही है, ताकि वह कमाई करने वाले बाजार में पैसा निवेश कर सके। उदाहरण के तौर पर कंपनी ने हाल ही में अपने डीटीएच कारोबार में 20 फीसदी हिस्सेदारी 35 करोड़ डॉलर में बेचा है। टावर कंपनी इंडस टावर और भारती इंफ्राटेल के प्रस्तावित विलय से भी कंपनी पैसे जुटा सकती है।
विश्लेषकों का कहना है कि इस इकाई का मूल्यांकन करीब 15 अरब डॉलर हो सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि भारती एयरटेल अगर अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाती है तो वह 5.4 अरब डॉलर जुटा सकती है। हालांकि अभी टावर कारोबार में हिस्सेदारी बेचने की कोई योजना नहीं है। कंपनी अपने फाइबर नेटवर्क का भी मुद्रीकरण कर सकती है।
भारती को उन क्षेत्रों में अपने 4जी नेटवर्क के विस्तार पर भारी निवेश करने की जरूरत है जहां जियो उससे आगे है, वहीं कंपनी को फाइबर टु होम नेटवर्क भी शुरू करना होगा। जियो ने हाल ही में हैथवे और डेन नेटवर्क का अधिग्रहण कर इसमें एयरटेल से बढ़त बना ली है।
भारती को अपने टावरों को माइक्रोवेव से फाइबर में बदलने के लिए भी निवेश करना होगा। यही वजह है कि कंपनी इस साल 4 अरब डॉलर का पूंजीगत निवेश कर रही है और विश्लेषकों का अनुमान है कि कंपनी अगले दो साल तक इतनी ही रकम और निवेश कर सकती है।हालांकि विश्लेषक इस सौदे से भारती एयरटेल पर पड़ने वाले असर को लेकर सतर्क हैं। क्रेडिट सुइस ने कहा कि कंपनी का भारतीय कारोबार अब भी दबाव में है क्योंकि जियो से उसे कड़ी टक्कर मिल रही है। हालांकि डॉयचे बैंक ने कहा कि यह सौदा भारती और सिंगटेल के लिए सकारात्मक है।
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