जांच करेगा एसएफआईओ | वीणा मणि / नई दिल्ली October 14, 2018 | | | | |
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) संकट में फंसी इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशियल सर्विसेज (आईएलऐंडएफएस) द्वारा इंटर कॉर्पोरेट डिपॉजिट (आईसीडी) में अनियमितता की जांच कर सकता है। आईएलऐंडएफएस ने इंटर कॉर्पोरेट डिपॉजिट के ब्याज और मूल के भुगतान में 1.72 अरब रुपये की चूक की है, जो हाल ही में सामने आया है। पहली बार कंपनी ने आईसीडी में जून में चूक की थी। इसने आईसीडी बाजार में सिडबी से लिए गए 10 अरब रुपये की भी चूक की थी। कंपनी का कुल 14 अरब रुपये आईसीडी है। आईसीडी अन्य कॉर्पोरेट इकाइयों से ली गई असुरक्षित उधारी है। आईएलऐंडएफएस ने कुल 38.5 अरब रुपये असुरक्षित उधारी वाणिज्यिक कागजों पर ली है, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा 20 अरब रुपये का है।
बहरहाल एसएफआईओ में और अधिकारियों की भी भर्ती हो सकती है। कंपनी मामलों के मंत्रालय ने एसएफआईओ को कहा है कि वह रिक्तियों की 'तात्कालिक जरूरतों' पर रिपोर्ट पेश करे। एसएफआईओ में आधे पद खाली हैं। विभिन्न श्रेणियों के 133 पदों में से 69 खाली पड़े हैं। इसमें से 75 पद जहां प्रतिनियुक्ति के आधार पर भर्ती के लिए हैं, सिर्फ 25 पद मूल हैं और शेष 50 पद खाली पड़े हैं। कंपनी मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग से 10 और पद भरने के लिए संपर्क किया था।
इसने वित्त मंत्रालय से अतिरिक्त वित्त पोषण की मांग 'जांच भत्ते' के रूप में की है। इससे कंपनी मामलों के मंत्रालय को अन्य मंत्रालयों से जांच में सहयोग के लिए अधिकारियोंं को आमंत्रित करने में मदद मिलेगी। बहरहाल यह प्रावधान सातवें वेतन आयोग ने खत्म कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि जो लोग प्रतिनियुक्ति पर होते हैं वे पहले ही प्रतिनियुक्ति भत्ता के लिए पात्र होते हैं। आईएलऐंड एफएस के अलावा एसएफआईओ नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से जुड़े हाई प्रोफाइल मामलों की भी जांच कर रहा है, जिन्होंन पंजाब नैशनल बैंक में कथित रूप से धोखाधड़ी की थी।
राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (एनसीएलटी) मुंबई ने सरकार को अनुमति दी थी वह कुल 12.6 अरब रुपये कर्ज वाली इस कंपनी के पहले के बोर्ड की जगह नए बोर्ड की नियुक्ति धारा 241 और 242 के तहत करे। धारा 241 में सरकार को अधिकार दिया गया है कि अगर उसे लगता है कि कंपनी सार्वजनिक हित में नहींं चल रही है तो वह पंचाट से संपर्क करे। अन्य धारा में यह बताया गया है कि एनसीएलटी क्या कर सकता है। आईएलऐंडएफएस का एक जटिल ढांचा है। मंत्रालय ने अपनी याचिका में कहा है कि आईएलऐंडएफएस के ढांचे में 169 कंपनियों का समूह है, वहीं नए बोर्ड ने कहा है कि समूह में 348 इकाइयां हैं, 'जिसके बारे में हम जितना जानते हैं, उससे कहीं बहुत बड़ा उसका आकार है।' कंपनी को देख रहे नए बोर्ड की कवायद यह है कि यह है कि समूह का मूल्य सुरक्षित रहना सुनिश्चित हो सके।
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