स्पेंसर्स में हिस्सा लेगी अलीबाबा! | ईशिता आयान दत्त / कोलकाता October 12, 2018 | | | | |
आरपी-संजीव गोयनका समूह की खुदरा बिक्री शृंखला स्पेंसर्स रिटेल में अल्पांश हिस्सेदारी की खरीद को लेकर चीन की दिग्गज ऑनलाइन रिटेल कंपनी अलीबाबा के साथ बातचीत जारी है। इस सिलसिले में स्पेंसर्स की एमेजॉन के साथ भी बातचीत चल रही है। घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि स्पेंसर्स में हिस्सेदारी खरीद के मसले पर अलीबाबा के प्रतिनिधियों के साथ समूह के अधिकारियों की हाल ही में एक बैठक हुई है। समूह के मुख्यालय में हुई इस बैठक में अल्पांश हिस्सेदारी की खरीद को लेकर चर्चा हुई। हालांकि समूह के प्रमुख संजीव गोयनका ने इसके बारे में कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया।
इसके पहले शेयर खरीद को लेकर स्पेंसर्स की एमेजॉन से भी बातचीत चल रही थी। सूत्रों ने ऐसे संकेत दिए हैं कि गोयनका स्पेंसर्स में हिस्सेदारी बिक्री पर एमेजॉन और अलीबाबा दोनों ही विकल्पों पर गौर करेगा। स्पेंसर्स के साथ बातचीत का सिलसिला जारी रहने के दौरान ही एमेजॉन ने आदित्य बिड़ला समूह के रिटेल चेन 'मोर' के साथ सौदे को भी अंतिम रूप दे दिया। इस सौदे के तहत 'मोर' का संचालन करने वाली कंपनी आदित्य बिड़ला रिटेल को 42 अरब रुपये में एमेजॉन और समारा कैपिटल के हाथों बेच दिया गया।
दरअसल पिछले कुछ समय से भारत में खुदरा कारोबार में बहुत ही तेज गतिविधियां देखने को मिली हैं। साल की शुरुआत में अमेरिकी रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट ने 16 अरब डॉलर में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण कर लिया था। उसके बाद से एमेजॉन और अलीबाबा हिस्सेदारी खरीद को लेकर भारतीय खुदरा कारोबार में सक्रिय बड़ी कंपनियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। इस परिदृश्य में सौदे का मूल्य अहम हो सकता है। इस साल स्पेंसर्स करों की कटौती के बाद पहली बार लाभ की स्थिति में पहुंच सकता है। वर्ष 2017-18 में स्पेंसर्स को 30 करोड़ रुपये की कर-पूर्व हानि हुई थी जो एक साल पहले 129 करोड़ रुपये पर थी। गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में इसका राजस्व 3.46 फीसदी की दर से बढ़कर 20.91 अरब रुपये पर पहुंच गया था।
स्पेंसर्स के देश भर में 138 स्टोर सक्रिय हैं और मार्च 2019 तक 10 अन्य स्टोर के भी खुलने की संभावना है। गोयनका समूह के इस रिटेल चेन की मौजूदगी देश के 36 शहरों में है। स्पेंसर्स रिटेल को स्टॉक एक्सचेंज में भी सूचीबद्ध करने की तैयारी चल रही है। आरपी-एसजी समूह की मुख्य कंपनी सीईएससी ने समूचे कारोबार का पुनर्गठन करने की घोषणा की हुई है। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से चार अलग-अलग कंपनियां बनाई जाएंगी। समूह अपने बिजली कारोबार को अलग करने की तैयारी में है। बिजली उत्पादन एवं वितरण कंपनियों के बीच हुए बिजली खरीद समझौते (पीपीए) को मंजूरी मिलने के बाद ही इसे अंजाम दिया जाएगा। बिजली क्षेत्र से इतर किए गए सीईएससी के निवेश को दो अलग इकाइयों- खुदरा और वेंचर में बांट दिया जाएगा। गोयनका ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि अब तीन कंपनियां ही बनेंगी। मौजूदा शेयरधारक को हरेक 10 शेयर पर खुदरा इकाई में पांच रुपये के छह अतिरिक्त शेयर और वेंचर कंपनी में 10 रुपये के दो अतिरिक्त शेयर आवंटित किए जाएंगे।
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