नैटको फार्मा: विदेश में जटिल जेनेरिक पर दांव | |
बी दशरथ रेड्डी / हैदराबाद 10 09, 2018 | | | | |
पिछले साल अमेरिकी बाजार में कई स्क्लेरोसिस दवा ग्लैटिरामेर एसीटेट (जी-कोपाग्जोन) को उतारने के बाद जटिल जेनेरिक दवाओं में नैटको फार्मा का भरोसा अब तक बरकरार है। इसलिए कंपनी ने अपने अंतरराष्ट्रीय कारोबार को जटिल जेनेरिक दवाओं से रफ्तार देने की योजना बना रही है।
नैटको ने माइलन और डॉ रेड्डीज जैसी बड़ी दवा कंपनियों के साथ विपणन साझेदारी के तहत जटिल दवाओं के उत्पादन के लिए खुद की रणनीति तैयार की है। कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है, 'नैटको में हम अपनी दमदार आरऐंडडी, विनिर्माण दक्षता और रणनीतिक साझेदारी के जरिये विशेषीकृत, जटिल एवं उमदा दवाओं के बाजार में वृद्धि को रफ्तार दे रहे हैं। इन दवाओं को विकसित करने की अवधि कितनी लंबी होगी इसकी कोई परवाह नहीं है।
अमेरिकी बाजार के लिए हमने सावधानीपूर्वक लंबी विकास अवधि को छोटी अवधि और भारतीय बाजार में वृद्धि के जबरदस्त अवसर के साथ संतुलित करने की कोशिश की है।'
यूएसएफडीए से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद पिछले साल अक्टूबर में माइलन के साथ विपणन साझेदारी के तहत जी-कोपाग्जोन को बाजार में उतारा गया था। साल 2017-18 के दौरान कंपनी का शुद्ध लाभ 43 फीसदी बढ़कर 6.95 अरब रुपये हो गया। हालांकि जेनेरिक हेपेटाइटिस-सी दवा (सोफोस्बुविर) से प्राप्त राजस्व को मूल्यह्रास का झटका लगा।
नैटको के अनुसार, जी-कोपाग्जोन को तैयार करने में करीक एक दशक तक आरऐंडडी कार्य करना पड़ा जबकि इसके विपणन के लिए माइलन के साथ करार की अहम भूमिका रही।
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