हॉलैंड की सड़कों पर फर्राटा भरेगी ओला | |
पतंजलि पाहवा और करण चौधरी / मुंबई/नई दिल्ली 10 08, 2018 | | | | |
भवीश अग्रवाल की अगुआई वाली ओला अब नीदरलैंड्स की राजधानी एम्सटर्डम जाने की तैयारी में है। इस कैब एग्रीगेटर कंपनी ने इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया से अपने अंतरराष्टï्रीय सफर की शुरुआत की और फिर ब्रिटेन के बाजार में भी कदम रखा। कंपनी का 2019 तक 50 विदेशी शहरों में अपनी सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य है। जानकारों का कहना है कि ओला का जोर केवल विदेशों में विस्तार तक ही सीमित नहीं है बल्कि कंपनी को ऐसे निवेशकों की भी तलाश है जो पूंजी जुटाने के अगले दौर में उसकी मदद कर सकें। इस बारे में ओला को भेजे गए विस्तृत ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।
बेहतर सार्वजनिक परिवहन के लिए मशहूर एम्सटर्डम शहर ओला के लिए बेहद अहम है। शहर में ट्राम, बस और साइकल लेन की सुविधा से वहां सफर करना आसान और कैब की जरूरत मौजूदा सेवाओं से पूरी हो रही हैं। लेकिन उबर और ओला दोनों की नजर एम्सटर्डम पर है। इसका कारण यह है कि वहां किराया बहुत ज्यादा है। इन दोनों में से एक कंपनी के अधिकारी ने कहा, 'वहां किराया बहुत ज्यादा है और यह लोगों को कैब में सफर करने की आदत लगाने का मामला है।'
एम्सटर्डम की भौगोलिक स्थिति भी इसे खास बनाती है। उबर मध्य, उत्तरी और पूर्वी यूरोपीय देशों और उत्तर अफ्रीका में अपनी सेवाओं का परिचालन एम्सटर्डम से करती है। एम्टर्डम से कंपनी के अधिकारी आसानी से यूरोपीय देशों के अधिकांश शहरों में आसानी से पहुंच सकते हैं। ओला भी इसी योजना पर आगे बढऩा चाहती है।
सूत्रों का कहना है कि उबर विरोधी गठबंधन के कारण ओला पहले वहां नहीं जा सकती थी। लेकिन सॉफ्टबैंक के पिछले साल उबर में हिस्सेदारी खरीदने के फैसले से यह गठबंधन टूट गया। सिंगापुर की कंपनी ग्रैब के दक्षिण पूर्व एशिया में उबर में विलय होने के कारण गठबंधन की हवा पूरी तरह निकल गई। इससे ओला के विदेशों में अपना सफर शुरू करने का रास्ता साफ हुआ।
एम्सटर्डम के बाजार पर कब्जे के लिए ओला को उबर के अलावा एस्तोनिया की कंपनी टैक्सीफाई से भी मुकाबला करना होगा। टैक्सीफाई ने चीन की दीदी चूशिंग और डेमलर जैसी कंपनियों से पैसा जुटाया है। कुछ पूर्वी यूरोपी देशों में उबर प्रतिबंधित है जिससे वहां टैक्सीफाई का एकाधिकार है।
इसके अलावा ओला ने लंदन में अपनी सेवाएं शुरू करने के लिए लाइसेंस हासिल किया है और उसकी ब्रिटेन में जोरशोर से अपना विस्तार करने की योजना है। साथ ही वह आयरलैंड में भी डबलिन से शुरुआत करना चाहती है। यूरोप के अलावा ओला की नजर दुबई और दक्षिण अमेरिका पर भी है। एक सूत्र ने बताया कि दुबई के लिए कंपनी की योजना आगे बढ़ चुकी है। कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी अग्रवाल दुबई के बाजार में उतरने से पहले करीम-उबर सौदे के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। एक अन्य सूत्र ने कहा, 'उबर दुनिया के 600 शहरों में मौजूद है। अगर ओला को उसका प्रतिद्वंद्वी बनना है तो उसे दुनिया में अपनी मौजूदगी बढ़ानी होगी।'
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