वैश्विक निवेश पर फंडों की नजर | जश कृपलानी / मुंबई October 05, 2018 | | | | |
देसी म्युचुअल फंड ऐसी योजना पेश करने की तैयारी कर रहा है जो वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में निवेश करेगा क्योंकि मजबूत वैश्विक अवरोध से देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए निवेशकों को कम से कम 5-10 फीसदी विदेशी अर्थव्यवस्थाओं में निवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में बाजार में ठीक-ठाक तेजी के चलते निवेशकों का खासा निवेश देसी इक्विटी में संकेंद्रित है। आईआईएफएल एएमसी को आईआईएफएल टेक्नोलॉजी फंड पेश करने की मंजूरी मिल चुकी है और कंपनी इसे इस महीने उतार सकती है। आईआईएफएल एएमसी के सीईओ पी सेठ ने कहा, जहां तक वैश्विक बढ़त की बात है, भारतीय निवेशकों ने मोटे तौर पर यहां काफी कम निवेश किया है। तकनीकी कंपनियां मसलन फेसबुक और ऐपल में पिछले कुछ सालों में खासी बढ़त दर्ज हुई है, लेकिन भारतीय निवेशक बढ़त की इस कहानी का हिस्सा नहीं बने।
सेठ ने कहा, मौजूदा आर्थिक माहौल ऐसी योजना पेश करने के लिहाज से अनुकूल है क्योंकि डॉलर की मजबूती भर से ही ऐसी योजनाएं के रिटर्न में कुछ प्रतिशत जुड़ सकते हैं। इस पर नजर डालिए : कैलेंडर वर्ष की शुरुआत से अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये में 12 फीसदी की गिरावट से एसऐंडपी 500 में 100 डॉलर का निवेश 114 डॉलर हो गया होगा। इस साल अमेरिकी शेयरों में हुई बढ़त को शामिल किए बिना ऐसा है। जापान व अमेरिका जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने इस साल डॉलर के लिहाज से 5 से 9 फीसदी का रिटर्न दिया है। रुपये के लिहाज से यह रिटर्न 20-24 फीसदी बैठता है। निफ्टी और सेंसेक्स ने रुपये के लिहाज से 5-7 फीसदी का रिटर्न दिया है।
एडलवाइस एमएफ की सीईओ राधिका गुप्ता ने कहा, हमारे पास पहले से ही कुछ अंतरराष्ट्रीय पेशकश है, पर हम यह समझने के लिए अपने क्लाइंटों से लगातार बात कर रहे हैं कि क्या इस प्रॉडक्ट बास्केट का विस्तार करने की दरकार है। रुपये में गिरावट के बीच देसी बाजार में उतारचढ़ाव देखने को मिल रहा है, निवेशक मुद्रा की चाल का इस्तेमाल अपने हक में करने का मौका तलाश रहे हैं और इसके साथ ही उतारचढ़ाव के बचने के लिए हेजिंग भी कर रहे हैं। गुप्ता ने कहा, ये मौके अनिवार्य रूप से अमेरिकी बाजार तक शायद सीमित नहीं हो सकते। चीन, यूरोप और अमेरिका और यहां तक कि कुछ एशियाई देशों में हाल में अच्छी बढ़त दिखी है।
ऐक्सिस म्युचुअल फंड ने सोमवार को ऐक्सिस ग्रोथ ऑपरच्युनिटीज फंड पेश किया। इस योजना के तहत 65-70 फीसदी निवेश देसी कंपनियों में होगा, वहीं 30-35 फीसदी विदेशी कंपनियों में। इसके जरिए उभरते बाजारों व इलाकों मसलन अमेरिका, यूरोप, पश्चिम एशिया व जापान में निवेश के मौके तलाशे जाएंगे। विदेशी निवेश लंदन मुख्यालय वाली श्रोडर इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट की सलाह से किया जाएगा। ऐसे फंड निवेशकों को उन कारोबारों में निवेश का विकल्प देते हैं, जिसका देसी एक्सचेंजों पर काफी कम या कोई मौजूदगी नहीं है।
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