होटल और विमान कंपनियों का ग्राहकों की वफादारी पर जोर | टी ई नरसिम्हन / October 02, 2018 | | | | |
ग्राहकों की वफादारी हासिल करना विमानन कंपनियों और होटलों के लिए कभी मुश्किल नहीं रहा है। देश में तेजी से उभरते पर्यटन क्षेत्र में इन्हीं दो क्षेत्रों को सबसे ज्यादा फायदा मिला है। पर्यटन करने वाले ग्राहक अपने लिए किफायती बुकिंग या छूट की तलाश में रहते हैं और कई बुकिंग मंच होने की वजह से ग्राहकों को अपने साथ बनाए रखना पहले के मुकाबले काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है। कई खिलाडिय़ों की बढ़ती साझेदारी, तकनीक के ज्यादा इस्तेमाल और महज रिवॉर्ड आदि से इतर ग्राहकों के अनुभव पर जोर देना भी प्राथमिकता में शामिल किया गया है।
सभी लोग इस बात पर सहमत हैं कि किसी विमानन कंपनी या होटल के प्रति वफादार रहने वाले ग्राहकों को लॉयल्टी स्कीम के तहत कुछ खास तरह की छूट आदि दिए जाने के अलावा भी काफी कुछ किया जाना चाहिए। उन्हें सभी चैनलों पर ब्रांड की मौजूदगी बढ़ाने के साथ ग्राहकों को अपने साथ जोडऩे के नए विकल्प तैयार करने चाहिए। अन्स्र्ट यंग (ईवाई) जिसने हाल ही में एक लॉयल्टी प्रबंधन समाधान की शुरुआत की थी। ईवाई के मुताबिक इसके तहत लेन-देन के मकसद से सदस्यों के लिए एक वॉलेट की अनुमति दी जानी है ताकि बी2बी और बी2सी कारोबार संभव हो सके और परिचालन की लागत कम हो पाए।
सेवा और अनुभव अहम
ग्राहक जब एक फ्लाइट बुक कर रहे होते हैं तब उनकी तलाश क्या होती है? गूगल के एक वैश्विक सर्वेक्षण के मुताबिक ग्राहक सेवा इस सूची में शीर्ष पर (60 फीसदी) होती है। इसके बाद ईजी टू यूज वेबसाइट (55 फीसदी) और ऑनलाइन समीक्षा (50 फीसदी) शामिल है। लॉयल्टी प्रोग्राम चौथे पायदान पर है और इससे ज्यादा पैसे खर्च करने वाले आधे से भी कम पर्यटकों पर प्रभाव पड़ता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रांड को अपने ग्राहकों को लंबे समय तक बनाए रखने की अपनी कोशिशों के मुकाबले अपने लॉयल्टी प्रोग्राम को अलग करके देखना चाहिए। यात्रा ऑनलाइन के मुख्य परिचालन अधिकारी (बी2सी) शरत ढाल का कहना है कि उनके मंच पर करीब 82 फीसदी ग्राहक दोबारा आते हैं। हालांकि लॉयल्टी प्रोग्राम से मदद भी मिली है लेकिन उनका मानना है कि ग्राहकों के उनके मंच पर आने की यह प्रमुख वजह नहीं हो सकती है। यात्रा में अनुभव, कीमत और विशेष पैकेज यह सब अहम है। उनका कहना है कि आज के ग्राहक द्वंद्व में रहते हैं। वह कहते हैं, 'लोग सोचते हैं कि वे मौजूदा छूट या रिवॉर्ड बाद में मिलने के बजाय अभी मिल जाए।' होटलों ने मौजूदा अनुभवों के आधार पर ही अपना लॉयल्टी प्रोग्राम शुरू किया है।
क्लब आईटीसी चलाने वाले आईटीसी होटल्स और वेलकम होटल्स के मुख्य कार्यकारी दीपक हक्सर का कहना है कि ग्राहकों की वफादारी और ब्रांड को तरजीह देने का फैसला रिवॉर्ड से नहीं जुड़ा है। वह कहते हैं, 'वफादारी ग्राहकों के ब्रांड के साथ अनुभव से जुड़ा है और यह कैसे दूसरे ब्रांडों से अलग है उससे जुड़ा है।'
फायदे की राह
अगर लॉयल्टी प्रोग्राम को अच्छी तरह से तैयार किया जाए तो यह कमाई का बड़ा स्रोत हो सकता है। आईटीसी होटल्स में लॉयल्टी सदस्यों ने पिछले साल होटलों के कमरे की कमाई में 60 फीसदी तक का योगदान दिया। होटल के मुताबिक इस होटल चेन के 50 फीसदी से ज्यादा कारोबार में वफादार ग्राहकों का योगदान है। एकॉर होटल्स इंडिया के उपाध्यक्ष (बिक्री, मार्केटिंग, वितरण और लॉयल्टी) आरिफ पटेल का कहना है कि करीब 51 फीसदी ग्राहक होटल की बुकिंग करते वक्त लॉयल्टी प्रोग्राम पर विचार करते हैं। वह इस तरह की योजनाओं को ब्रांड के लिए प्रभावकारी भी मानते हैं जिसकी वजह से वे इससे जुड़े रहते हैं और इससे वफादार ग्राहक होने की वजह से वे सीधे होटल के बुकिंग चैनल और ऐप का इस्तेमाल कर पाते हैं।
एकॉर होटल्स ने पिछले साल राफेल्स फेयरमॉन्ट और स्विसटेल होटल्स ऐंड रिजॉर्ट के साथ लॉयल्टी प्रोग्राम को जोड़ा है। इस प्रोग्राम से दुनिया भर के 5 करोड़ से अधिक सदस्य जुड़े हुए हैं और देश में ऐसे सदस्यों की तादाद में सालाना 35 फीसदी की तक वृद्धि हो रही है और कारोबार में इनका योगदान 40 फीसदी तक है।
नेटवर्क के फायदे
लॉयल्टी योजना ब्रांडों के नेटवर्क के भीतर संचालित होती है जो एक-दूसरे की पूरक है। इसका अर्थ यह हुआ कि होटलों के लॉयल्टी प्रोग्राम से ज्यादा ग्राहक तब मिलेंगे जब यह किसी विमानन कंपनी या किसी ऑनलाइन रिटेलर से साझेदारी करता है। ग्राहक भी प्वाइंट भुनाने की प्रक्रिया आसान चाहते हैं हालांकि ज्यादातर ब्रांडों को अब भी तकनीक के साथ संघर्ष करना पड़ रहा है। विस्तारा के मुख्य रणनीतिकार और वाणिज्यिक अधिकारी संजीव कपूर का कहना है कि विमानन क्षेत्र उन कुछ चुनिंदा उद्योगों में से एक है जहां वफादारी की एक अहम भूमिका है। लेकिन लॉयल्टी केवल ग्राहकों द्वारा मीलों दूरी तय करने या वे जो प्वाइंट हासिल करते हैं उससे तय नहीं होती। उनका कहना है कि प्वाइंट हासिल करना उतना ही अहम है जितना किसी विमान में उड़ान भरते वक्त अच्छा महसूस करना। कपूर कहते हैं, 'ïवफादारी कुल अनुभवों, व्यवहार, सेवा, पुरस्कार और लॉयल्टी के प्रोग्राम का मिला-जुला रूप है। ब्रांडों को वफादारी बढ़ाने के लिए कुछ नाजुक पहलुओं पर भी गौर करना चाहिए।'
ऐसा ही कई लोगों का मानना है। विशेषज्ञों का कहना है कि विमानन कंपनियों को सेवा और रिवॉर्ड से इतर भी कुछ सोचना चाहिए। उन्हें अपनी पेशकश को बाकी पर्यटन नेटवर्क से भी अवश्य जोडऩा चाहिए। स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता का कहना है, 'हम लगातार मूल्यांकन करने में यकीकन करते हैं और हम अपने सेवाओं में नए बदलाव करते हैं ताकि ग्राहकों का अनुभव बेहतर हो। हमारे सभी नए लॉयल्टी प्रोग्राम में कई फायदे भी हैं।' विशेषज्ञों का कहना है कि ग्राहकों की आदतों को ध्यान में रखते हुए लॉयल्टी के नियम और कार्यक्रम तैयार किए जाएं तो बेहतर होगा। बेशक ग्राहकों को वफादार बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती है।
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