एसएफआईओ ने 63 मून्स टेक्नोलॉजिज की सूचीबद्धता खत्म करने के लिए कहा | वीणा मणि / नई दिल्ली September 27, 2018 | | | | |
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने फाइनैंशियल टेक्नोलॉजिज इंडिया लिमिडेट (एफटीआईएल) जिसे बाद में 63 मून्स टेक्नोलॉजिज नाम दिया, की सूचीबद्धता खत्म करने का सुझाव दिया है। एसएफआईओ ने नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) घोटाला पर कंपनी मामलों के मंत्रालय को भेजी एक रिपोर्ट में यह सिफारिश की है। कुछ साल पहले एनएसईएल में एक व्यापक भुगतान घोटाला सामने आया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कंपनी के निदेशकों को बाजार तक पहुंचने और रकम जुटाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
स्टॉक एक्सचेंज को किए खुलासे में 63 मून्स ने इस बाबत कोई जानकारी न होने की बात कही है। एसएफआईओ ने एनएसईएल के ब्रोकरों की जांच आयकर अधिकारियों द्वारा किए जाने की भी सिफारिश की है। इन ब्रोकरों की संख्या 148 है। एसएफआईओ की रिपोर्ट में कहा गया है, 'कुछ मामलों में पाया गया है कि ब्रोकर अपनी एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) सहायक इकाई के जरिये ग्राहकों से अनधिकृत वित्त पोषण में शामिल रहे हैं। व्यापारियों और ब्रोकरों के बीच हुए समझौते के तहत व्यापारियों को एनएसईएल एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर संबंधित ब्रोकर के जरिेये किए गए खरीद-फरोख्त के लिए उस ब्रोकर से रकम का दावा करने का अधिकार है। हालांकि किसी भी ब्रोकर ने ग्राहकों को इस प्रकार की मुआवजा अथवा रकम उपलब्ध नहीं कराया।'
ब्रोकरों के खिलाफ एक अन्य आरोप यह है कि उन्होंने सही प्रतिनिधित्व नहीं किया और आय क्षमता की चिंता किए बिना ग्राहकों को 80 से 90 फीसदी तक वित्त पोषण की पेशकश की। इस बीच, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के निदेशक मंडल ने उन 147 ब्रोकिंग फर्मों के खिलाफ कार्रवाई करने की मंजूरी दे दी है जो पहले एनएसईएल प्लेटफॉर्म पर कारोबार से जुड़ी थीं। इन ब्रोकरों पर अपने ग्राहकों को गलत जानकारी देकर बिक्री करने का आरोप है। एनएसईएल के 56 अरब रुपये का यह भुगतान घोटाला जुलाई 2013 में उजागर हुआ था। इसमें एक दर्जन से अधिक जिंस कंपनियों की संलिप्तता का खुलासा हुआ था जो अपने जिंस को जमानत रखते हुए इस प्लेटफॉर्म से उधारी ले रही थीं। बाद में अपने अनुबंधों के निपटान के लिए कहे जाने पर उधारकर्ताओं ने डिफॉल्ट कर दिया।
एनएसईएल से जुड़ी सभी लड़ाई से निपटने की उम्मीद
63 मून्स टेक्नोलॉजिज के प्रबंधन ने उम्मीद जताई है कि कंपनी एनएसईएल से संबंधित सभी कानूनी लड़ाई से उबर जाएगी। इस बीच कंपनी भविष्य के लिए 11 से 12 श्रेणियों में उत्पाद भी तैयार कर रही है। एनएसईएल में करीब 56 अरब रुपये के भुगतान घोटाले से संबंधित तमाम मामलों में 63 मून्स टेक्नोलॉजिज कानूनी लड़ाई लड़ रही है। कंपनी के चेयरमैन एवं स्वतंत्र गैर-कार्यकारी निदेशक वेंकट चारी ने गुरुवार को शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, 'इसके पांच साल हो चुके हैं लेकिन अदालत ने किसी भी अनुबंध को अवैध करार नहीं दिया है और अब तक किसी भी अदालत से हमारे खिलाफ कोई फैसला नहीं आया है। इस कथित घोटाने का एक भी पैसा 63 मून्स ने हासिल नहीं किया है। कानून और तथ्य दोनों हमारे पक्ष में हैं और हमारी जीत अवश्य होगी।' उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीन के शब्दों का उल्लेख करते हुए कहा, 'यह एनएसईएल के ब्रोकरों का घोटाला है न कि एनएसईएल का घोटाला।'
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