सेबी ने आईएलऐंडएफएस में निवेश का मांगा विवरण | |
श्रीमी चौधरी और जश कृपलानी / मुंबई 09 26, 2018 | | | | |
► नियामक शुक्रवार को प्रमुख फंड हाउसों के साथ रिडम्पशन दबाव, नकदी समस्याओं पर करेगा चर्चा
► फंडों से आईएलऐंडएफ एस समूह में निवेश पर जानकारी देने को कहा
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कर्ज में फंसी आईएलऐंडएफएस में प्रमुख परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) और अन्य वित्तीय संस्थाओं के निवेश की जानकारी मांगी है। सेबी ने 22 सितंबर को भेजे पत्र में फंड हाउसों और अन्य संस्थाओं से आईएलऐंडएफएस समूह कंपनियों के लिए निवेश से संबंधित जानकारी देने को कहा है। इन फंड हाउसों से आईएलऐंडएफएस और उसकी सहायक इकाइयों में निवेश का संपूर्ण विवरण देने को कहा गया है।
एक नियामकीय अधिकारी ने कहा कि इस विवरण में पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) के नाम, पंजीकरण संख्या, और परिपक्वता के समय, बाजार मूल्य पर आधारित तारीख तक मूल्यांकन के साथ साथ निवेशित रकम जैसी जानकारियां शामिल हैं। इसके अलावा, फंड हाउसों को निर्धारित फॉर्मेट में जानकारी देने को कहा गया है, भले ही उनका निवेश शून्य हो। उन्हें सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों के साथ डेटा साझा करने को कहा गया है। इस मजबूत जानकारी के साथ, पूंजी बाजार नियामक उस डिफॉल्ट जोखिम के प्रभाव का आकलन करने की कोशिश कर रहा है जिससे नकदी पर दबाव और कर्ज की वजह से आईएलऐंडएफएस को जूझना पड़ रहा है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने आईएलऐंडएफएस के कर्ज की रेटिंग घटाई है जिससे वे परिसंपत्ति प्रबंधक सुर्खियों में आ गए हैं जो 29 अरब रुपये के ऋण जोखिम से जुड़े हुए हैं। अचानक पैदा हुए इस संकट ने डेट फंड प्रबंधकों के बीच बेचैनी की स्थिति पैदा कर दी है और उन्हें अपने पोर्टफोलियो में संभावित जोखिम के खिलाफ पहले से ही निपटने के लिए सतर्क कर दिया है। बड़े कॉरपोरेट निवेशकों से डेट योजनाओं में भी रिडम्पशन दिखने लगा है जिसके परिणामस्वरूप परिसंपत्ति बिक्री के जरिये फंड प्रबंधकों का नकदी स्तर बढ़ रहा है।
इस चिंता को दूर करने के लिए सेबी शुक्रवार को म्युचुअल फंड उद्योग की संस्था एम्फी के साथ बैठक करेगा। सूत्रों का कहना है कि जोखिम प्रबंधन प्रणालियों में और सुधार लाने के लिए एम्फी द्वारा मौजूदा म्युचुअल फंड मानकों में कुछ खास बदलाए किए जाने का प्रस्ताव रखने की संभावना है। चर्चा के बिंदुओं में ओपन-एंडेड योजनाओं को शामिल किया जा सकता है। बैठक में यह चर्चा की जाएगी कि किस तरह से ओपन-एंडेड योजनाएं पर्याप्त तरलता सुनिश्चित कर सकती हैं। एक बड़े फंड हाउस के वरिष्ठï अधिकारी के अनुसार उद्योग इसे लेकर चिंतित हैं कि आईएलऐंडएफएस संकट से पैदा हुई नकदी की सख्ती का व्यापक प्रभाव देखा जा सकता है।
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