सेबी ने 300 ब्रोकरेज को जारी किया नोटिस | श्रीमी चौधरी / मुंबई September 26, 2018 | | | | |
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने करीब 300 ब्रोकरेज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिनके क्लाइटों ने 56 अरब रुपये के नैशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) घोटाले में खासी रकम गंवा दी। सेबी के नोटिस में आरोप लगाया गया है कि ये ब्रोकरेज फिट ऐंड प्रॉपर मानदंडों का पालन करने में नाकाम रहे और ऐसे में इन्हें इंटरमीडियरी के तौर पर कामकाज जारी रखने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। नियामक ने ब्रोकरेज कंपनियों से यह पूछा है कि आखिर सेबी (इंटरमीडियरीज) व सेबी (स्टॉक ब्रोकर व सब-ब्रोकर) के नियमों में तय प्रावधान के मुताबिक इन्होंंने कार्रवाई क्यों नहीं की।
सेबी के फिट ऐंड़ प्रॉपर मानदंडों में आधारभूत शतों का जिक्र है, जिनका अनुपालन इंटरमीडियरीज को अपने कामकाज व जवाबदेही पूरी करने के समय करना होता है। मुख्य शर्तें हैं ईमानदारी, कभी अपराधी न ठहराया गया हो और इरादतन चूक करने वाला न हो। नियामक ने कहा कि सेबी ने अधिनिर्णय की कार्यवाही शुरू की है और फिट ऐंड प्रॉपर नियमों के कथित उल्लंघन की जांच के लिए अधिकारी की नियुक्ति 21 सितंबर को की है। बिजनेस स्टैंडर्ड ने ब्रोकरेज को भेजे गए नोटिस को देखा है। नोटिस में कहा गया है, एनएसईएल ने अपना कामकाज सरकार की तरफ से तय शर्तों के मुताबिक आखिर क्यों नहीं किया।
केंद्र सरकार ने जून 2007 में एनएसईएल को कुछ शर्तों के साथ वायदा अनुबंध अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन से छूट दी थी। यह छूट सिर्फ एक दिन के वायदा अनुबंधों के लिए थी। एक्सचेंज के सदस्य शॉर्ट सेलिंग नहीं कर सकते और कारोबार की समाप्ति पर बची हुई पोजीशन की अनिवार्य रूप से डिलिवरी हो।
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