विजया, बीओबी के लिए विलय नकारात्मक | पुनीत वाधवा / नई दिल्ली September 18, 2018 | | | | |
सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के शेयरों को मंगलवार को एक्सचेंजों पर मिश्रित प्रतिक्रिया मिली। एक दिन पहले सरकार ने इन तीनों बैंकों का विलय कर एक संयुक्त इकाई बनाने का प्रस्ताव पेश किया था। एक ओर जहां देना बैंक का शेयर बढ़त के साथ बंद हुआ, वहीं विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में गिरावट दर्ज हुई। विश्लेषकों ने इसे सही दिशा में उठाया गया कदम करार दिया है। उन्होंंने कहा, यह विलय पीएसयू बैंंकिंग क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको को अंतत: एकीकृत कर सात बड़े बैंक बनाने की संभावना को आगे बढ़ाएगा।
फंडामेंटल के मोर्चे पर हालांकि फिलिप कैपिटल के विश्लेषकों ने कहा कि अल्पावधि में यह विलय विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए नकारात्मक नजर आ रहा है क्योंकि देना बैंक की नकारात्मक हैसियत नई इकाई समाहित कर लेगी। फिलिप कैपिटल के मनीष अग्रवाल और सुजल कुमार ने एक रिपोर्ट में कहा है, बैंक ऑफ बड़ौदा के सुधार की कहानी अब पृष्ठभूमि में चली जाएगी क्योंंकि प्रबंधन की ज्यादातर क्षमता विलय से संबंधित काम में लग जाएगी। यह मानते हुए कि देना-बीओबी के शेयर अदला-बदली का परिदृश्य 21:1 होगा जबकि विजया-बीओबी के लिए 1.75:1, ऐसे में बैंक ऑफ बड़ौदा व विजया बैंक के शेयर में 20 से 25 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा, बैंक ऑफ बड़ौदा को लंबी अवधि में ही विलय का फायदा मिलेगा। ब्रोकरेज के विश्लेषक नितिन अग्रवाल ने कहा, हमने बीओबी की रेटिंग समीक्षा के दायरे में रख दिया है क्योंकि हम विलय अनुपात पर और जानकारी के अलावा संयुक्त इकाई की कारोबारी योजना की प्रतीक्षा कर रहे हैं। निकट भविष्य में देना बैंक को स्पष्ट तौर पर इस घोषणा का सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषक डी शाह इससे सहमत हैं। इस प्रगति के बाद उन्होंने भी बीओबी को खरीद से घटाकर न्यूट्रल रेटिंग में डाल दिया है।
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