बीओबी के निवेशकों के लिए कड़वा | हंसिनी कार्तिक / मुंबई September 18, 2018 | | | | |
देना बैंक और विजया बैंक के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय प्रस्ताव पर निवेशकों की शुरुआती प्रतिक्रिया अच्छी नहीं रही है। बैंंक ऑफ बड़ौदा का शेयर मंगलवार को 16 फीसदी से ज्यादा ढह गया, जो पीएस जयकुमार के नेतृत्व में एक दिन की अधिकतम गिरावट है। कई ब्रोकरेज कंपनियों का मानना है कि यह विलय मध्यम अवधि में बैंक के लिए नकारात्मक रहेगा। ऐसे में इन्होंने इस शेयर पर अपनी रेटिंग घटा दी है। तीन तात्कालिक चिंता इस विलय से बीओबी को मिलने वाले संभावित फायदे को पीछे छोड़ रही है।
पहला, इस विलय का ऐलान तब हुआ जब बीओबी में सुधार के संकेत दिखने लगे और बैंक अपने प्रावधान कवरेज अनुपात में सुधार ला रहा है और इस तरह से मजबूत बढ़त की आधारशिला रख रहा है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों ने कहा, बड़े पैमाने पर हो रहा इस तरह का विलय अल्पावधि में अपनी तरह की चुनौतियां सामने रखेगा, खास तौर से गैर-निष्पादित आसिस्तयों के चक्र को लेकर, जो सुधार के शुरुआती चरण में है। ब्रोकरेज अभी बीओबी पर अपनी सिफारिशों की समीक्षा कर रहा है।
दूसरा, चूंकि इस विलय में प्रबंधन को काफी समय देना होगा, लिहाजा विश्लेषकों को डर है कि बैंक अल्पावधि में बढ़त के तैयार किए गए अपने खाके को आगे बढ़ाने में सक्षम नहीं होगा। मैक्वेरी के सुरेश गणपति का मानना है कि दो अंकों के रिटर्न अनुपात में बीओबी को लौटने में कुछ साल और लग सकते हैं। इसी वजह से डॉयचे बैंक ने बीओबी को डाउनग्रेड कर खरीद से होल्ड कर दिया है। तीसरी चिंताजनक बात यह है कि इस विलय से किसे कितना मिलेगा। जून 2018 के वित्तीय लेखाजोखा के हिसाब से विजया बैंक और देना बैंक, बीओबी के लोन बुक का क्रमश: 28 फीसदी और 16 फीसदी है। इसलिए विलय के बाद बनने वाली नई इकाई में कर्ज के नुकसान पर उनका संभावित असर शायद ही गंभीर होगा। सवाल पूंजी निवेश और स्वैप अनुपात को लेकर है। 8.8 फीसदी कॉमन इक्विटी टियर-1 पूंजी पर देना बैंक पहले ही आरबीआई के त्वरित उपचारात्मक कदम (पीसीए) के दायरे में है। पीसीए के तहत हालांकि यह दूसरा सबसे छोटा बैंंक है, लेकिन मौजूदा नकारात्मक हैसियत बीओबी पर अंतरिम असर डाल सकता है।
इसी तरह संपत्ति की गुणवत्ता और लाभ के लिहाज से विजया बैंक बीओबी से कुछ आगे है, वहीं इसकी बैलेंस शीट काफी छोटी है। फिलिप कैपिटल के विश्लेषकों ने कहा कि यह सौदा विजया बैंक के लिए अच्छा है क्योंंकि इसे समायोजित बुक वैल्यू में भारी कटौती नहीं करनी होगी, लेकिन बीओबी पर इसका विपरीत असर पड़ेगा। रेटिंग घटाने के अलावा लक्षित कीमत में 50 फीसदी की कटौती करने वाली क्रेडिट सुइस ने कहा है कि सरकारी कंपनियों के लिए विलय से लाभ हासिल करना मुश्किल है।
हालांकि एसएमसी ग्लोबल के सिद्धांत पुरोहित ने कहा, मंगलवार को बीओबी के शेयरों की जरूरत से ज्यादा बिकवाली हुई। उन्होंने कहा, निकट भविष्य में इसके शेयरों में और गिरावट की संभावना से मैं इनकार नहीं करता, लेकिन लंबी अïवधि वाले निवेशकों के लिए यह गिरावट खरीदारी का मौका उपलब्ध कराता है। दिलचस्प रूप से यह प्रगति कुछ मजबूत बैंकों मसलन यूनियन बैंक और केनरा बैंक के लिए कमजोरी लेकर आई, जो मंगलवार के कारोबार में 7 से 9 फीसदी तक टूट गए। वहीं शेयर अदला-बदली अनुपात पर अनिश्चितता से विजया बैंक का शेयर करीब छह फीसदी लुढ़क गया।
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