समूह में आईएलऐंडएफएस एमएफ का निवेश जोखिम भरा | जश कृपलानी / मुंबई September 13, 2018 | | | | |
समूह की कंपनियों में निवेश और बढ़ते कर्ज को लेकर आईएलऐंडएफएस समूह भारतीय रिजर्व बैंक की जांच के घेरे में है। हालांकि उद्योग के सूत्रों ने कहा है कि बाजार नियामक सेबी भी जांच कर सकता है। विवाद का मसला आईएलऐंडएफएस इन्फ्रास्ट्रक्चर डेट फंड (आईडीएफ) का समूह के अक्षय ऊर्जा कारोबार में भारी भरकम निवेश है। आईएलऐंडएफएस एमएफ की तरफ से परिचालित इन्फ्रास्ट्रक्चर डेट फंड की दो योजनाओं का 30 फीसदी से ज्यादा एयूएम आईएलऐंडएफएस सोलर पावर और आईएलऐंडएफएस विंड एनर्जी में लगा हुआ है। आईडीएफ सीरीज-2 का 31 फीसदी एयूएम दोनों अक्षय ऊर्जा कंपनियों के गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र में निवेशित है। जबकि सीरीज 2 सी के एयूएम का 30.29 फीसदी दोनों कंपनियों के एनसीडी में निवेशित है।
आईएलऐंडएफएस आईडीएफ की तरफ से समूह की परिसंपत्तियों में निवेश ने नियामकीय उल्लंघन नहीं किया है। हालांकि हालिया घटनाक्रम से सवाल उठा है कि क्या समूह की परिसंपत्तियों में ऐसा निवेश सही भावना से किया गया है? बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों के जवाब में आईएलऐंडएफएस ने कहा कि कंपनी उन निवेशकों को पुनर्भुगतान करने के लिए सही स्थिति में है, जिन्होंने आईएलऐंडएफएस के आईडीएफ में निवेश किया है। कंपनी ने कहा, कई निवेशकों की रुचि 51 फीसदी हिस्सेदारी (आईडब्ल्यूईएल के पास) में है और खरीदार की पहचान के लिए वैश्विक प्रक्रिया जारी है। यह बिक्री 31 मार्च 2019 या इससे पहले पूरी करने का लक्ष्य है। इस रकम से आईएलऐंडएफएस के आईडीएफ की पूरी रकम का पुनर्भुगतान आईडब्ल्यूईएल करेगी।
आईएलऐंडएफएस एमएफ के डिस्क्लोजर से पता चलता है कि 31 मार्च 2018 को डेट फंड की सात सीरीज में से हर का दोनों फर्मों में 20 फीसदी से ज्यादा निवेश था। कुल मिलाकर इन योजनाओं के कुल एयूएम का एक चौथाई दोनों फर्मों में निवेशित है। दोनों इकाइयां अभी नुकसान उठा रही हैं। आईएलऐंडएफएस की हालिया सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, आईएलऐंडएफएस सोलर पावर ने वित्त वर्ष 2018 में 3.36 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया जबकि आईडब्ल्यूईएल ने 82.9 करोड़ रुपये का जबकि मूल कंपनी आईएलऐंडएफएस की रेटिंग घटाकर कबाड़ (जंक) श्रेणी कर दी गई।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने सोमवार को दोनों कंपनियों के गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र की डाउनग्रेडिंग कर दी, वहीं रेटिंग का परिदृश्य स्थिर से बदलकर नकारात्मक कर दिया। विशेषज्ञों ने कहा कि हालिया प्रगति आईडीएफ के लिए झटका हो सकती है। यह निवेश की नई प्रतिभूति है, जिसे बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं की लंबी अवधि के वित्त पोषण के लिए डिजाइन किया गया है। आईएलऐंडएफएस विंड एनर्जी की रेटिंग डाउनग्रेड कर ए प्लस से बीबी (नकारात्मक) कर दी गई है। इस तरह से रेटिंग एजेंसी ने उन जोखिम को रेखांकित किया है, जिसका सामना कंपनी कर रही है।
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