बाजार की कमजोरी का फायदा ऑपरेटरों को नहीं उठाने देंगे | पवन बुरुगुला / मुंबई September 11, 2018 | | | | |
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने मंगलवार को कहा कि वह शेयर बाजार में हो रहे उतारचढ़ाव का फायदा उठाने की इजाजत ऑपरेटरों को नहीं देगा। सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने उद्योग संगठन फिक्की की तरफ से आयोजित पूंजी बाजार सम्मेलन के बाद संवाददाताओं से कहा, हमारे पास जोखिम प्रबंधन की मजबूत व्यवस्था है। ऑपरेटरों को बाजार की कमजोरी का फायदा उठाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हम मुस्तैद हैं। त्यागी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में बढ़ोतरी, वैश्विक वित्तीय हालात में सख्ती, वैश्विक व्यापार गतिरोध से उपजे जोखिम और क्षेत्रीय स्तर पर बढ़ता भूराजनैतिक तनाव इस समय के मुख्य जोखिम हैं।
सेबी प्रमुख ने कहा कि देसी बाजार में रकम जुटाने का काम लगातार हो रहा है, जो उत्साहजनक है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में इक्विटी व ऋण के जरिए रिकॉर्ड 8.8 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए और इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2.3 लाख करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं। त्यागी ने कहा, पेशकश का आकार बढ़ रहा है, जो बड़े इश्यू के वित्त पोषण के लिहाज से बाजार की बढ़ी क्षमता का संकेत दे रहा है। उन्होंने संकेत दिया कि परिपक्व कंपनियां बाजार पहुंच रही हैं और यह सहजता का संकेत देता है। उन्होंने कहा, पिछले दो सालों में आईपीओ पेश करने वाली कंपनियों की औसत आयु करीब 17 साल रही है। इसकी तुलना में अमेरिका में आईपीओ लाने वाली कंपनियों की औसत आयु करीब 10 साल है।
त्यागी ने कहा कि द्वितीयक शेयर बिक्री के बड़े आकार को समाहित करना भी यह बता र हा है कि बाजार परिपक्व हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट इक्विटी निवेशक अपने मौजूदा निवेश से कामयाबी के साथ निकल रहे हैं, जो उन्हें अन्य उत्पादक आर्थिक गतिविधियों में अपनी रकम झोंकने में मदद करेगा। त्यागी ने कहा कि बाजार की संरचना बदल गई है और सेंसेक्स में वित्तीय क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ रही है जबकि औद्योगिक क्षेत्र की हिस्सेदारी में कमी आ रही है। उन्होंने कहा, बाजार पूंजीकरण के लिहाज से 100 अग्रणी कंपनियों पर नजर डालने से पता चलता है कि वित्तीय क्षेत्र की हिस्सेदारी मार्च 2008 के 15 फीसदी के मुकाबले बढ़कर मार्च 2018 में 23 फीसदी हो गई जबकि औद्योगिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 14 फीसदी से घटकर 12 फीसदी रह गई।
त्यागी ने कहा कि जहां तक आईपीओ बाजार की बात है, औद्योगिक क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ी है, वहीं कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी, सेवा और वित्तीय क्षेत्र की हिस्सेदारी घटी है। सेबी प्रमुख ने अपने भाषण में कहा, इसलिए आईपीओ बाजार एक तरह का ट्रेंड दिखा रहा है, जो आगे चलकर शायद बेंचमार्क सूचकांकों में प्रतिबिंबित होगा। त्यागी ने केपीएमजी के हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि डेटा निजता, जोखिम प्रबंधन और प्रशासन प्रमुख वैश्विक नियामकीय चुनौतियां हैं। इस रिपोर्ट में साइबर सुरक्षा को रेखांकित किया गया है।
उन्होंने कहा, साइबर सुरक्षा स्पष्ट तौर पर ऐसा क्षेत्र है जिससे सेबी सक्रियता से जुड़ा हुआ है। उच्चस्तरीय समिति साइबर सुरक्षा विकसित करने और उसे बनाए रखने के लिए दिशानिर्देश मुहैया करा रही है, जिसे अच्छे वैश्विक चलन के साथ जोड़ा जाएगा। त्यागी ने कहा कि नियामकीय बदलाव को सही तरीके से समाविष्ट करने के लिए नियामकीय क्षमता को तेजी से उन्नत बनाना जरूरी है।
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