आयशर मोटर्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी सिद्धार्थ लाल न तो कंपनी के मोटरसाइकल कारोबार की बाजार हिस्सेदारी में आई हालिया नरमी से और न ही 250 सीसी से 700 सीसी की श्रेणी में नई कंपनियों के आगमन से अधिक चिंतित हैं। मोटरसाइकल बाजार में आयशर मोटर मुख्य तौर पर इसी श्रेणी में कारोबार करती है।
लाल ने कहा, 'रॉयल एनफील्ड भारत और वैश्विक तौर पर एक प्रमुख प्रीमियम ब्रांड के तौर पर स्थापित है और इसलिए उसे टक्कर देना प्रतिस्पर्धियों के लिए आसान नहीं रहेगा।' कमजोर आधार के बावजूद रॉयल एनफील्ड की बिक्री में वित्त वर्ष 2013 से वित्त वर्ष 2018 के दौरान 46 फीसदी की वार्षिक चक्रवृद्धि दर के साथ बढ़ोतरी हुई। आधार में विस्तार के साथ ही इस प्रतिष्ठित मोटरसाइकल ब्रांड की वृद्धि दर में नरमी देखी गई है।
एसबीआईकैप सिक्योरिटीज का कहना है कि सात प्रमुख राज्यों में कंपनी की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में घटकर 6 फीसदी रह गई जो वित्त वर्ष 2018 में 11 फीसदी और वित्त वर्ष 2017 में 27 फीसदी रही थी।
साथ ही प्रीमियम मोटरसाइकल बाजार में कुछ तिमाहियों तक दमदार रफ्तार दर्ज करने के बाद पिछली दो तिमाहियों के दौरान उसकी रफ्तार थोड़ी ढीली पड़ गई। प्रीमियम मोटरसाइकल बाजार में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में घटकर 26 फीसदी रह गई जो वित्त वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में 31 फीसदी रही थी।
एसबीआईकैप के विश्लेषक चिराग जैन और इंद्रप्रीत सिंह ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, 'हम ब्रांड में सुस्ती के स्पष्ट संकेत देख रहे हैं। मांग रुझान में नरमी और डीलरों की आपूर्ति में कमी से इस बात की पुष्टि होती है।' उन्होंने उम्मीद जताई है कि रॉयल एनफील्ड की बिक्री में वृद्धि वित्त वर्ष 2019 में घटकर 12 फीसदी और वित्त वर्ष 2020 में 8 फीसदी रह जाएगी।
उन्होंने लिखा है, 'हमारा मानना है कि वृद्धि का रुझान दोपहिया बाजार की अन्य प्रतिस्पर्धियों की ओर होने से आयशर मोटर्स की कम-रेटिंग आगे भी जारी रहेगी। हम एक बार फिर सेल रेटिंग दे रहे हैं।' लेकिन लाल इससे बेफिक्र हैं और वह इस बुलेट ब्रांड को 'वृद्धि के अगले चरण' में पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं। इसी क्रम में उनकी नजर राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों में बेहतर स्थिति हासिल करने पर है।
कंपनी अपनी प्रमुख श्रेणी में नए मॉडल उतारने की भी योजना बना रही है जिससे रॉयल एनफील्ड को वैश्विक बाजारों में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाने में मदद मिलेगी। लाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, 'हमारा मुख्य उद्देश्य अपने प्रमुख कारोबार को मजबूती देना है।' उन्होंने कहा कि यदि कंपनी 250 सीसी से 700 सीसी की श्रेणी में वृद्धि को रफ्तार दे सकती है तो कुछ हिस्सेदारी खोने की उन्हें कोई चिंता नहीं है।
वह चाहते हैं इस श्रेणी में कंपनी की घरेलू बिक्री अगले 10 वर्षों में 50 लाख वाहन के पार हो जो फिलहाल करीब 10 लाख वाहनों की है। उन्होंने कहा, 'यदि हमारी बाजार हिस्सेदारी मौजूदा 90 फीसदी से घटकर 65 फीसदी रह जाती है तो भी मुझे खुशी होगी। वृद्धि को रफ्तार देना और भारत एवं वैश्विक बाजारों पर ध्यान केंद्रित करना फिलहाल हमारी प्राथमिकता है।'
कंपनी ने लखनऊ, इंदौर, जयपुर और पटना जैसे छोटे शहरों में बिक्री को रफ्तार देने की रणनीति अपनाई है। फिलहाल रॉयल एनफील्ड के करीब 850 स्टोर 600 शहरों में मौजूद हैं। कंपनी अगले पांच साल में 200 अन्य शहरों तक उसका दायरा बढ़ाने और हर साल औसतन 100 से 120 रॉयल एनफील्ड स्टोर खोलते रहने की योजना बनाई है। रॉयल एनफील्ड ने कॉन्टीनेंटल जीटी 650 और इंटरसेप्टर उतारने की योजना बनाई है जो पूरी तर नए प्लेटफॉर्म एवं इंजन पर आधारित हैं।
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