सबसे बड़ी चुनौती सदस्यों के बीच तालमेल कायम करने की थी टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी गुंटेर बट्सचेक ने अजय मोदी से बातचीत में कहा कि जब वह 2016 की शुरुआत में कंपनी में शामिल हुए थे तो उनकी सबसे बड़ी चुनौती टीम सदस्यों के बीच तालमेल कायम करने की थी। उनका कहना है कि प्रबंधन कंपनी के लोगों को प्रेरित करने में सक्षम रहा है और इसके परिणाम स्पष्ट हैं। पेश हैं मुख्य अंश: पिछले ढाई वर्षों के सफर को आप कैसे देखते हैं? मैं भी उन लोगों में शामिल नहीं हूं जो पीछे देखते हैं। मैं आगे देखना चाहता हूं। जब लगभग तीन साल पहले मैंने टाटा मोटर्स की कमान संभालने की पेशकश स्वीकार की थी तो मैंने महसूस किया कि यह वाकई बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था। इसलिए, मेरी राह में ऊंचे स्तर की गति के साथ ऊंचे स्तर की उम्मीदें थीं। मेरी चिंता गति को लेकर थी। गति बदलाव लाने की तत्काल जरूरत, बदलाव के लिए इच्छाशक्ति और बदलाव की भावना पर केंद्रित है। संगठन में हर किसी को इस बदलाव का हिस्सा बनने की जरूरत है और यह सबसे बड़ी समस्या थी। हालात में किस तरह का बदलाव आया है? इस कायाकल्प का भविष्य क्या है? क्या कोई ऐसे संगठन में कायाकल्प की जिम्मेदारी उठा सकता है? इसे लेकर सहमति बनी थी कि हमारा उद्देश्य बदलाव के लिए होना चाहिए न कि सुधार। वित्त वर्ष 2017 बीएस-3 से 4 में बदलाव और नोटबंदी की वजह से चुनौतीपूर्ण रहा। हमने जुलाई 2017 में एक समग्र कायाकल्प योजना पर आगे बढऩे का निर्णय लिया जिसका उद्देश्य आगामी बदलाव लाना था। हमने जरूरत और स्वामित्व की भावना को मजबूत बनाया है। आप यात्री वाहन व्यवसाय में भरपाई की स्थिति को कैसे देखते हैं? जब मैंने कहा था कि यात्री वाहन (पीवी) एक आत्मनिर्भर व्यवसाय में तब्दील होगा तो लोगों ने इसे लेकर आश्चर्य जताया। ज्यादातर लोगों और विश्लेषकों के लिए पीवी व्यवसाय काफी हद तक नुकसान वाला परिचालन था और कोई भी यह भरोसा करने को तैयार नहीं था कि हम कायाकल्प में सक्षम होंगे। हम बिक्री बढ़ा रहे हैं और बाजार भागीदारी फिर से मजबूत बना रहे हैं। मैं आज बेहद खुश हूं, पर यह अभी महज शुरुआत है। हमें संगठन में कायाकल्प को लगातार बनाए रखने की जरूरत है। जब हमने 2016 में पहली कोशिश शुरू की थी तो लोगों ने महसूस किया कि यह काफी लंबी प्रक्रिया है। आज कायाकल्प हमारा नया मानक है। यह हमें बाजार की अस्थिरता से कमजोर होने से बचाने के लिए जरूरी था जो आज के व्यवसायों की सच्चाई है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी व्यवसाय कितना सक्षम है? मौजूदा समय में यह बाजार संभवत: पूरी तरह अपरिचित है। यह संभवत: तब मजबूत होगा जब हम एफएएमई-2 को लेकर अधिक अवगत होंगे। हम बस और चार पहिया वाणिज्यिक वाहनों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। बस व्यवसाय बदलाव में सक्षम है। हम इलेक्ट्रिक बस व्यवसाय का पूरा लाभ उठाने की उम्मीद करेंगे जिससे हमारा व्यावसायिक मॉडल बदल सकेगा। यात्री वाहनों में, टिगोर ईवी उस समय एक आश्चर्य था जब हम ईईएसएल निविदा में एल1 रहे थे। हम ईईएसएल से मांग में तेजी देख रहे हैं। यह मांग बाहरी दिल्ली एनसीआर से है। टिगोर ईवी जैसा समान सॉल्युशन टियागो के लिए भी अपनाया जा सकेगा और हम कुछ संभावित ग्राहकों के संपर्क में हैं। मेरा अभी भी मानना है कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक नीति की जरूरत होगी। क्या आप निजी उपयोगकर्ताओं को इलेक्ट्रिक कार बेचने की संभावना नहीं देख रहे हैं? हमारा दृष्टिकोण बस और कारों पर दांव लगाना होगा और हम बी2सी के बजाय बी2बी पर ध्यान दे रहे हैं। लोग बैटरी वाहनों का खास अनुभव महसूस करेंगे और इससे निजी क्षेत्र में मांग में बड़ा बदलाव आएगा। पारंपरिक रूप से पुराने उत्पाद वाहन बेड़े का हिस्सा बनते हैं।
