
विदेशी निवेशकों में घबराहट
►सेबी के परिपत्र पर खिलाफ उतरे एफपीआई
►प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को लिखा पत्र
►75 अरब डॉलर की परिसंपत्तियां हो सकती हैं प्रभावित
►जानकारों ने कहा, सेबी के रुख से बाजार में घबराहट की स्थिति बन सकती है, रुपये पर भी बढ़ेगा दबाव
सेबी के अनुसार भारतीय मूल का व्यक्ति किसी एफपीआई का लाभकारी स्वामी नहीं हो सकता विदेशी फंडों के लाभकारी स्वामित्व पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के परिपत्र का विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने कड़ा विरोध किया है। अमान्सा कैपिटल, हीलियस और मॉर्गन स्टैनली ऐसेट मैनेजमेंट सहित कम से कम एक दर्जन एफपीआई ने इस बारे में प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और सेबी को पत्र लिखकर कहा है कि बाजार नियामक के इस कदम से देश में एक तिहाई विदेशी परिसंपत्तियां प्रभावित होंगी। ये कंपनियां विदेश से संचालित हैं लेकिन भारत से उनका संबंध है।
ऐसेट मैनेजर्स राउंडटेबल ऑफ इंडिया (ऐमरी) के मुताबिक इन फंडों की भारत में 75 अरब डॉलर की परिसंपत्तियां हैं और अगर नियामक उन्हें कोई राहत नहीं देता है तो उनके पास दिसंबर तक अपना निवेश निकालने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा।
सेबी के सर्कुलर से प्रवासी भारतीयों द्वारा खासकर भारत के लिए स्थापित फंड ही प्रभावित नहीं होंगे बल्कि दुनिया के शीर्ष संस्थानों द्वारा संचालित कुछ वे फंड भी प्रभावित होंगे जिनके फंड मैनेजर प्रवासी भारतीय या भारतीय मूल के हैं। निशीथ देसाई एसोसिएट्स के संस्थापक निशीथ देसाई ने कहा, 'सेबी का सर्कुलर विदेशी फंड मैनेजरों को भारत आने के लिए प्रोत्साहित करने की सरकार की नीति के अनुरूप नहीं है।
बाजार भागीदारों का कहना है कि अगर सेबी की तरफ से इस मामले में स्पष्टीकरण नहीं आता है तो कई एफपीआई को भारतीय बाजार में अपने निवेश की बिकवाली करनी पड़ सकती है।'
हेज फंड कर्मा कैपिटल मैनेजमेंट की मैनेजिंग पार्टनर नंदिता अग्रवाल ने कहा, 'परिपत्र प्रवासी भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों द्वारा संचालित एफपीआई पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है। अगर यह मुद्दा सुलझाया नहीं गया तो फिर कम समय में 75 अरब डॉलर के निवेश प्रभावित हो सकता है। इससे बाजार और रुपये में भारी गिरावट आ सकती है।'
एफपीआई पिछले तीन महीनों से सेबी के परिपत्र के खिलाफ दबाव बना रहे हैं। इस विरोध को देखते हुए नियामक ने परिपत्र लागू होने का समय सितंबर से बढ़ाकर दिसंबर कर दिया था। साथ ही उसने एफपीआई द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दों को एचआर खान की अगुआई वाली समिति को सौंपा है। समिति देश में एफपीआई के लिए कारोबार आसान बनाने की व्यवस्था में सुधार के लिए सुझाव तैयार कर रही है।